प्रशासन गांवों के संग अभियान की प्रगति एवं अन्य योजनाओं की समीक्षा बैठक में आज दिखाई दिया असर
इस्लामपुर ग्राम पंचायत के मामले में प्रभारी मंत्री ने कहा था मामले की होगी निष्पक्ष जाँच, दोषियों पर होगी कार्रवाई
झुंझुनू, झुंझुनू जिले की प्रभारी मंत्री ममता भूपेश चंद रोज पहले ही जिले के दौरे पर आई थी। तब उन्होंने पत्रकारों से कहा था कि अगली बार जब आउगी तब आपके सारे सवालों के जबाब लेकर आउगी। अब लग रहा है कि प्रशासन में कुछ सक्रियता आई है। जिसके चलते प्रभारी मंत्री के दौरे के बाद आज प्रशासन गांवों के संग अभियान की प्रगति एवं अन्य योजनाओं की समीक्षा बैठक शुक्रवार को जिला परिषद् के सभागार में सीईओ जवाहर चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस दौरान सीईओ जवाहर चौधरी एक्शन मोड़ पर दिखाई दिए उन्होंने अधिकारी एवं कर्मचारियों से कहा कि कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में एसी मनोज चौधरी, अधिशासी अभियंता महेंद्र सिंह सूरा, शुभकरण, एएसओ सुनील कुमार, सहायक अभियंता स्नेहा चौधरी, आईंईसी समन्वयक अजीत सिंह बिजारणियां सहित बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। वही आपको बता दे कि प्रभारी मंत्री की प्रेसवार्ता में जिले की इस्लामपुर ग्राम पंचायत में विभिन्न लोगों द्वारा मिल रही पट्टा वितरण में अनियमितताओ को लेकर भी प्रभारी मंत्री के सामने सवाल किया गया। जिस पर उन्होंने कहा कि अनियमितताओ को लेकर क्या प्रकरण है उसकी निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी। प्रशासन गांवो के संग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी भी व्यक्तिगत रूप से अधिकारी या कर्मचारी द्वारा पट्टा जारी करने के संदर्भ में अनियमितता पाई जाएगी तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस मामले पर सरकार जीरो टोलरेंस की निति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि झुंझुनू जिला प्रशासन प्रशासन गांवो के संग और शहरों के संग अभियान में अच्छा काम कर रहा है लेकिन फिर भी किसी कार्मिक के द्वारा व्यक्तिगत रूप से कमी पाई जाएगी तो उसकी जांच करवा कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस्लामपुर ग्राम पंचायत के कई ग्रामीणों ने शिविर के दौरान भी पट्टा वितरण में भाई भतीजावाद को लेकर अपनी व्यथा अधिकारियो के समक्ष रखी थी। ग्रामीणों का आरोप था कि कई महीनों पूर्व ही उनके द्वारा पट्टे के लिए आवेदन कर दिया गया था लेकिन ग्राम सेवक ने मौका मुआयना तक जाकर नहीं किया। कार्यालय में ही बैठकर फाइलों पर गलत नोट लगा दिए गए। जिसका उदाहरण गांव के एक परिवादी की फाइल से गलत नोट ग्राम पंचायत के सरपंच के हस्तक्षेप के बाद हटाया भी गया। वही अनेक लोगो को तो यह जानकरी भी नहीं दी गई कि किस कारण से उनका पट्टा रोका गया है। वही ग्राम पंचायत कार्यालय से ग्रामीणों को छोटे मोटे कामो के लिए भी सोर्स तलाशने पड़ रहे है। ग्राम पंचायत का कार्यालय में अन ऑफिसियल लोग मडराते रहते है। साथ ही स्थानीय ग्राम सेवक की कार्यशैली के चलते सरपंच को भी परेशानी का सामना करने जैसी बात सामने आ रही है।