जाको राखे साइयां मार सके न कोय कहावत हुई चरितार्थ
कीचड़ व काटो में फेंकी गई नवजात बेटी चिकित्सकों व ग्रामीणों के सहयोग से हुई बिल्कुल स्वस्थ
नवरात्रा में जहां एक तरफ घर घर देवी को पूजा जा रहा है वहीं दूसरी तरफ मां स्वरूपा एक नवजात बच्ची को बेरहमी से कांटो व कीचड़ में फेंकने का मामला सामने आया है
चूरु, [सुभाष प्रजापत ] खबर चूरु के सरदारशहर तहसील के मितासर गांव से है जहां एक बार फिर मां की ममता शर्मसार हुई है। नवरात्रा में जहां एक तरफ घर घर देवी को पूजा जा रहा है वहीं दूसरी तरफ मां स्वरूपा एक नवजात बच्ची को बेरहमी से कांटो व कीचड़ में फेंकने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार सरदारशहर तहसील के गांव मितासर में एक नवजात बच्ची को एक कलयुगी मां कांटों की बाड़ में फेंककर चली गई। जिसकी सूचना के बाद इलाके में चारों तरफ सनसनी फैल गई।आपको बता दें बुधवार रात करीब 9:30 बजे गांव की हरिजन बस्ती में ग्रामीणों ने एक बच्चे के रोने की आवाज सुनी। जिस पर ग्रामीणों ने देखा तो एक नवजात बच्ची कीचड़ में सनी हुई नजर आई। जिसे ग्रामीणों के सहयोग से मितासर निवासी ओमप्रकाश सारण ने बहादुरी दिखाते हुए राजकीय अस्पताल पहुंचाया। यहां पर तुरंत शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चंद्रभान जांगिड़ व हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कृष्ण सिहाग ने बच्ची का उपचार शुरू किया।डॉक्टर जांगिड़ ने बताया कि नवजात बिल्कुल स्वस्थ है उन्होंने बताया कि लोगों को इस तरह के कृत्य से बचना चाहिए, जो भी मजबूरी हो बच्ची को लावारिस जगह छोड़ने की बजाय किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं तो ज्यादा बेहतर होगा। हड्डी रोग विशेषज्ञ कृष्ण सिहाग ने बताया कि बच्ची को फेंकने से उसके हड्डी में थोड़ी चोट आई है जिसका उपचार किया जा रहा है। सरदारशहर थाने के एस आई माणकलाल डूडी ने बताया कि गांव में सीसीटीवी कैमरा नहीं होने के कारण अभी तक बच्ची को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। फिर भी पुलिस द्वारा मामले की हर दृष्टि से जांच की जा रही है। बहरहाल बच्ची राजकीय अस्पताल में चिकित्सकों एवं जीएनएम बनीता की देखरेख में स्वस्थ है और बनिता द्वारा बच्ची को लगातार आवश्यकतानुसार दूध पिलाया जा रहा है।