हाई कोर्ट में हुई जमानत याचिका मंजूर
कार्रवाई के बाद में उदयपुरवाटी क्षेत्र की राजनीति में पक्ष और विपक्ष के दोनों ही लोग प्रधान के समर्थन में आगे आए थे
झुंझुनू, रिश्वत के आरोप में एसीबी की ओर से गिरफ्तार करने के बाद न्यायिक अभिरक्षा में चल रही उदयपुरवाटी पंचायत समिति प्रधान माया गुर्जर की गिरफ्तारी के 29 दिन बाद हाई कोर्ट में जमानत याचिका याचिका मंजूर हो गई । हाईकोर्ट में एडवोकेट ओपी झाझडिय़ा की ओर से दलील दी गई कि एसीबी की टीम की ओर से 10 मई को 19 मई को सत्यापन किया गया था। इसमें प्रधान की ओर से रिश्वत लेने के मामले को सत्यापन नहीं पाया गया प्रधान के पास रिश्वत की को राशि बरामद नहीं हुई गिरफ्तारी राजनीति से प्रभावित है। दलीलो को मान हाई कोर्ट न्यायाधीश ने प्रधान माया गुर्जर की जमानत याचिका मंजूर कर ली। वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उदयपुरवाटी पंचायत समिति की प्रधान माया गुर्जर तत्कालीन बीडियो बाबूलाल रेगर व प्रधान के देवर भोलाराम को सीकर एसीबी की टीम ने रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया था। घटना के बाद से प्रधान पति और जेटीए फरार हो गए थे। सीकर एसीबी की टीम ने डीएसपी राजेश जांगिड़ के नेतृत्व में कार्रवाई को अंजाम दिया था। वही इस कार्रवाई के बाद में उदयपुरवाटी क्षेत्र की राजनीति में पक्ष और विपक्ष के दोनों ही लोग प्रधान के समर्थन में आगे आए थे। पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी ने भी इस कार्रवाई पर सवाल उठाया था और इसे राजनीति से प्रेरित बताया था। वही कार्रवाई के बाद मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने भी कहा था कि प्रधान माया देवी गुर्जर सीधी महिला हैं और वह राजनीति नहीं जानती है।