Video News – तो क्या झुंझुनू में सिर्फ 5 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी भाजपा !
दिल्ली में प्रस्तावित है राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और जेजेपी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर चर्चा
शिवसेना और जेजेपी दोनों से होता है गठबंधन तो झुंझुनू की दो सीटों पर पड़ सकता है प्रभाव
झुंझुनू, भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान चुनाव को लेकर पहली सूची के नाम तो लगभग तय हो चुके हैं जिस पर सिर्फ संसदीय बोर्ड की मोहर लगना बाकी है। इस मामले में जहां यह जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि पार्टी अपने 5 से लेकर 7 सांसदों को भी विधानसभा चुनाव में उतार सकती है। वहीं जयपुर में कल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह चुनाव को लेकर पार्टी के पदाधिकारियों से गहन चर्चा की हैं। वहीं जानकारी यह भी निकल कर सामने आ रही है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह के बीच भी दिल्ली में राजस्थान के विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन के संबंध में एक बैठक आयोजित होने वाली है। वहीं भाजपा राजस्थान के चुनाव में जेजेपी तथा शिवसेना से गठबंधन कर सकती है। भले ही गठबंधन में इन पार्टियों को कम ही सीटे दी जाए लेकिन झुंझुनू जिले की भाजपा की टिकटों पर इसका प्रभाव पड़ना तय है। क्योंकि पिछले दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक एवं पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को अपनी पार्टी में शामिल कर चुके हैं जिसके चलते यदि पार्टी का गठबंधन होता है तो यह सीट निश्चित रूप से शिवसेना के गठबंधन में जा सकती है। वही जेजेपी पार्टी भी भाजपा से राजस्थान के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के रूप में एक सीट की मांग सकती है। ऐसी स्थिति में भाजपा जिन विधानसभा क्षेत्र से एक बार भी नहीं जीती है वहां की एक सीट जेजेपी पार्टी के लिए भी छोड़ सकती है। इनमें नवलगढ़, नोहर, फतेहपुर, दातारामगढ़ और कोटपूतली की सीट जेजेपी पार्टी लेने की इच्छुक बताई जा रही है। वही बात झुंझुनू जिले के संदर्भ में करें तो यदि जेजेपी पार्टी नवलगढ़ की सीट भाजपा से मांगती है तो ऐसी स्थिति में भाजपा को नवलगढ़ की सीट छोड़नी पड़ेगी।
वहीं यदि शिवसेना पार्टी से भी इसका गठबंधन होता है तो उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र की सीट भी भाजपा को अपने सहयोगी दल शिवसेना के लिए छोड़नी पड़ेगी ऐसी स्थिति में झुंझुनू जिले की सात विधानसभा सीटों में से सिर्फ पांच पर ही भाजपा के उम्मीदवार देखने को मिल सकते हैं। जानकारी निकलकर यह भी सामने आ रही है कि जेजेपी जहां नवलगढ़ और दांतारामगढ़ में से एक सीट लेने की ज्यादा इच्छुक बताई जा रही है। शिवसेना झुंझुनू जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा की सीट भी गठबंधन के लिए मांगा जाना लगभग तय दिखाई दे रहा है क्योंकि भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर अपने गठबंधन के सारे विकल्प खुले रखे हैं। भाजपा ने रणनीतिकारों की मंशा है कि जिन विधायकों ने 10000 से अधिक वोटो से जीत हासिल की है उनकी ही टिकट रिपीट की जाए। वही जो नजदीकी मुकाबले में जो गत विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार हारे थे वहा पर उनकी वर्तमान में मजबूत स्थिति दिखाई देती है तो एक बार उन पर दोबारा से पार्टी विश्वास जता सकती है लेकिन जो भाजपा के उम्मीदवार बड़े अंतराल से चुनाव हारे थे उन्हें दोबारा टिकट पार्टी नहीं थमायेगी भले ही प्रदेश भाजपा के नेता कितनी ही उनकी लॉबिंग कर ले।इस प्रकार से जो तस्वीर निकल कर सामने आ रही है उससे कई भाजपा नेता जो आगामी विधानसभा के लिए स्वयं को विधायक घोषित कर रहे है उनके उनके सपनो पर वज्रपात होना भी तय है।
नोट – यहाँ पर झुंझुनू जिले से तात्पर्य राजनितिक परिदृश्य के झुंझुनू जिले से है जो जिलों के विभाजन के पूर्व की स्थिति थी