एसपी श्याम सिंह ने किया प्रेस वार्ता में खुलासा, सात गिरफ्तार
झुंझुनू जिले के चिड़ावा थाना अंतर्गत श्योपुरा गांव के इस मामले को लेकर मचा हुआ बवाल
झुंझुनू, झुंझुनू जिले के चिड़ावा थाना अंतर्गत श्योपुरा गांव के नाबालिग लड़की के अपहरण की वारदात के चर्चित मामले में अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। झुंझुनू जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी श्याम सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि कंट्रोल रूम से सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जानकारी जुटाई तथा नाकाबंदी करवाई गई और पुलिस की अलग-अलग टीमों का गठन किया गया तथा सीसीटीवी फुटेज चेक कर साइबर टीम का सहयोग लिया जा कर सम्बंधित स्थानों पर दबिश दी गई। मुलजिम बदमाश प्रवृत्ति के होने के कारण बार-बार ठिकाने बदलते रहे। पुलिस टीमों द्वारा मुलजिमो का पीछा सीकर कुचामन ब्यावर पाली सिरोही आदि जगहों पर करते हुए आबूरोड सिरोही से बीरबल राम विश्नोई के ठिकाने से दस्तयाब किए गए। घटना को अंजाम देने वाले अभियुक्त सुनील यादव, राजेंद्र विश्नोई, सुनील विश्नोई तथा घटना के बाद मुल्जिमानों का सहयोग करने वाले बीरबल राम, दीपक सैनी, अनीश कड़वासरा राकेश मीणा को बाद अनुसंधान गिरफ्तार किया गया। वही मुख्य आरोपी अंकित स्वामी का मकान पीड़िता के घर के सामने है। आरोपी व उसके परिवार के बीच घर आना-जाना था। मुख्य आरोपी अंकित ने पीड़िता को बहला-फुसलाकर फोन दे दिया जिस पर अंकित स्वामी पीड़िता से चोरी-छिपे बात करता था।
घटना की रात्रि को अंकित स्वामी बदनियति से रात को पीड़िता के घर में घुसा तो पीड़िता के परिवार के लोग जाग गए। इस पर अंकित स्वामी घर में दुबक गया और डर के मारे अपने साथी सुनील यादव को फोन कर दिया। सुनील यादव उसके साथी सुनील विश्नोई राजेंद्र माणक राम को अपने कैंपर गाड़ी में लेकर आया व पीड़िता के घर के गेट के टक्कर मारी। तब पीड़ित परिवार के लोग घबराकर गेट की तरफ आए। इस दौरान मौका पाकर अंकित जो घर में छुपा हुआ था वह गाड़ी लेकर आ गया जब परिवार के लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी जिससे पीड़िता की मां व भाई को चोट आई। मौके पर पीड़िता को साथ लेकर फरार हो गए। इसके बाद वह लोग अनीश नाम के व्यक्ति के घर पर जा कर छुपे। अगले दिन वहां से सीकर पहुंच गए। एक पेट्रोल पंप जो राकेश मीणा के नाम से है ₹50000 लेकर सीकर चले गए। वहां से पीड़िता अंकित स्वामी माणक राम लड़की को बस से लेकर जोधपुर चले गए। व बाकी आरोपी सांचौर होते हुए आबूरोड पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने घटना में प्रयुक्त कैंपर गाड़ी अपने परिचित के घर पर खड़ी कर दी। जहां पर पुलिस ने इन सभी को पकड़ लिया। अंकित के दोस्त दीपक सैनी ने अपनी सीम अंकित को दी थी जिसको अंकित स्वामी ने पीड़िता तक पहुंचाई थी इसी सिम से पीड़िता को अंकित स्वामी फोन करता था। अंकित स्वामी गाजियाबाद के एक अधिवक्ता के भी संपर्क में था। परंतु पीडिता नाबालिग होने के कारण शादी करने में सफल नहीं हुआ। वहीं मुख्य मुलजिम अंकित स्वामी व पीड़िता की पुलिस टीमों द्वारा तलाश की जा रही है।