बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स का जवान हवलदार रामनाथ कुमावत झुंझुनू कलेक्ट्रेट के बाहर बैठा 2 दिन के धरने पर
कल शाम को झुंझुनू जिला मुख्यालय से राष्ट्रपति भवन के लिए कूच कर, राष्ट्रपति से लगाएंगे गुहार
झुंझुनू, बॉर्डर पर जो जवान देश की सीमा को सुरक्षित रखने में जूटा हुआ है वही बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स का जवान अपने खेत व घर की सीमा को सुरक्षित रखने में स्वयं को असमर्थ पाता है। इसका कारण उसने राज्य सरकार की गोलमाल नीतियों और कार्यालयों में भ्रष्टाचार व राजनीतिक दखल को बताया है। हम बात कर रहे हैं झुंझुनू जिले के नवलगढ़ क्षेत्र के ग्राम मैणास के हवलदार रामनाथ कुमावत की जो बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स में हवलदार के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने आज से झुंझुनू कलेक्ट्रेट के बाहर 2 दिन का धरना शुरू किया है। उनका कहना है कि अपनी समस्याओं को लेकर वह कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसी स्थिति में कल शाम को है झुंझुनू जिला मुख्यालय से राष्ट्रपति भवन के लिए कूच कर जाएंगे और वहां पर जाकर अपनी समस्या को राष्ट्रपति के सामने रखेंगे। हवलदार रामनाथ कुमावत ने बताया कि मेरी कृषि भूमि में से 400 वर्ग मीटर को आवासीय में परिवर्तित करवा कर पट्टा बनवाने के लिए मैंने पत्रावली लगाई हुई है लेकिन अलग-अलग समय में इसमें 8 व्यवधान लगाकर उन्हें रिश्वत के लिए बाध्य करने का प्रयास किया गया। वहीं उन्होंने दूसरी समस्या के बारे में बताया कि उनके घर व खेत पर सीमा को दबाते हुए रामप्रताप कुमावत व धर्मा मेघवाल ने सरकारी भूमि भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ है। जिधर हमारा निकास है। दोनों को ग्राम पंचायत में जगह खाली करने के लिए नोटिस दिए हैं लेकिन नेताजी के संभावित दखल से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका। दोनों बीच-बीच में गाली-गलौच व झगड़ा करते हैं और गलत रिपोर्ट भी उन्होंने महिलाओं को आगे करके पुलिस में उनके खिलाफ पेश की थी। जिसमें महिलाओं का उत्पीड़न व जातिसूचक शब्दों के फेर में फसाकर नौकरी छुड़वाने की धमकी भी दी गई। उनका कहना था कि गांव के कुछ एकतरफा लोगों ने गलत व साजिश के तहत बहुत प्रयासों के बाद भी राजनीतिक दबाव में कोई सुनवाई नहीं कर रहा है।