Video News – तबादलों के मंथन से निकला विष भी आया जनता के हिस्से
बड़ा सवाल – क्या दाग अब अच्छे हो गए ?
जयपुर/झुंझुनू, सरकार बदलने के साथ ही तबादलों का दौर शुरू होता है ऐसा अमूमन ही देखा जाता है लेकिन भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश में सरकार बनने के साथ व्यापक स्तर पर फेर बदल देखा गया। जिसके चलते लगा की नई सरकार नई ऊर्जा के साथ बड़े बदलाव की ओर है लेकिन बड़े स्तर पर तबादलों का तबला जो बजा या यूं कहे की तबादलों का जो मंथन हुआ है उसमें ठीक उसी प्रकार से जिस प्रकार देवताओं और असुरों द्वारा समुद्र मंथन किया गया था उसमे विष और अमृत दोनों निकले थे जिसमें विषपान तो महादेव ने किया था और अमृत पान देवताओं के हिस्से में आया था। लेकिन इस तबादलों के मंथन से जो विष निकलकर बाहर आया है उसका विषपान भी आम जनता को ही करना पड़ेगा। यह बात अलग है कि तबादलों का मंथन कथित तौर जनता को अमृतपान करवाने के लिए ही किया जाता है। लेकिन इन तबादलों में कुछ अधिकारी ऐसे पदों पर दोबारा से आसीन हो गए हैं जिनके खिलाफ गंभीर अनियमिताओं के आरोप लगे थे, यानि ये स्थिति बिलकुल विषपान के समान ही है। और इससे भी बड़ी बात कांग्रेस सरकार के समय भाजपाइयों ने ही इन पर बड़ा हो हल्ला करके यह आरोप लगाए थे तो क्या समझा जाए कि इन तबादलों में भाजपाइयों की ही नहीं चली या फिर भाजपाइयों की सहमति से ही यह तबादले किए गए हैं, यानी की दाग अब अच्छे हो गए हैं। चंद अधिकारियों के इस प्रकार से पद पर स्थापित दोबारा से होने से जनता में एक मैसेज यह भी गया है कि जनता अपनी तरफ से कितना बड़ा ही व्यापक बदलाव वोट से क्यों न कर ले लेकिन सब मिले हुए हैं। अब देखने वाली बात यह है कि देर सबेर सत्ता के शीर्ष पर बैठे हुए लोग इन खामियों को कितनी जल्दी दुरुस्त कर पाते हैं या फिर हालत जस के तस बने रहते हैं। शेखावाटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट