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झुंझुनू जिले के पचेरी से भालोठ जाने वाली सड़क से जुड़ा है मामला
परिवादी के अनुसार 2018 में बनी सड़क 2019 में ही टूट चुकी थी गारंटी पीरियड में होने के बावजूद भी नहीं करवाया गया पैच वर्क
झुंझुनू जिले के पचेरी से भालोठ जाने वाली बदहाल सड़क के लिए एक दिव्यांग वर्षों से प्रशासन से गुहार लगा रहा है लेकिन अभी तक उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। रायपुर अहिराननिवासी दिव्यांग कुलदीप में जानकारी देते हुए बताया कि इस सड़क का निर्माण 2018 में किया गया था लेकिन 2019 में ही यह सड़क क्षतिग्रस्त हो गई जिसको लेकर 181 संपर्क पोर्टल पर भी इसकी शिकायत दर्ज करवाई गई। तत्कालीन सार्वजनिक निर्माण विभाग के एईएन को मामले को लेकर अवगत करवाया गया तो उन्होंने 2019 में आश्वासन दिया कि अभी बारिश का मौसम चल रहा है मौसम अनुकूल होते ही पैच वर्क का कार्य करवा दिया जाएगा यह सड़क अभी गारंटी पीरियड में है। लेकिन परिवादी की माने तो उसके बाद से ना तो ठेकेदार को नोटिस दिया गया और ना ही इस सड़क के पैच वर्क का कार्य पूरा हुआ। वर्तमान में सार्वजनिक निर्माण विभाग के एईएन से जब परिवादी कुलदीप ने बातचीत की तो उनका कहना था कि इस सड़क का मामला उनके संज्ञान में है और सड़क की बुरी हालत है यह उनको विजिट के दौरान पता चला। वहीं का कहना था कि वहां पर स्थित ईट भट्टों से बड़े ओवरलोड वाहन गुजरते हैं जिसके चलते सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है और वर्तमान में इसका पैच वर्क भी नहीं करवाया जा सकता। इसको नए सिरे से ही बनवाने की आवश्यकता है। जिसके लिए यदि कोई बड़ा बजट आएगा तो इसका निर्माण करवाया जाएगा। वहीं परिवादी ने जानकारी देते हुए बताया कि जब वर्तमान इनको उन्होंने ठेकेदार को नोटिस देने के लिए कहा उनका कहना था कि यह मामला 2018-19 का है अब तो ठेकेदार की गारंटी पूरी हो चुकी है ऐसे में उसको नोटिस कैसे दिया जा सकता है। वही सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है की सड़क जॉब गारंटी पीरियड के अंदर ही टूट गई थी और परिवादी द्वारा इसकी समय-समय पर शिकायत करने के बावजूद भी तत्कालीन एईएन द्वारा इसका नोटिस क्यों नहीं दिया गया और सड़क के पैच वर्क का कार्य पूरा क्यों नहीं करवाया गया। वही दिव्यांग परिवादी का कहना है कि उसे अपनी ट्राई साइकिल के साथ रोज इधर से गुजरना पड़ता है वहीं सड़क के अंदर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं और बारिश के समय में पानी भर जाता है जिसके चलते आए दिन हादसे भी होते हैं लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है जिसको लेकर ग्रामीणों में भी आक्रोश है।