कर्मचारियों के मनोबल में गिरावट
सूरजगढ़,[के के गांधी] विद्युत विभाग जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से सभी विभागों व आमजन से निरन्तर जुड़ा है, जिसके बिना विशेष परिस्थितियों में एक मिनट भी निकालना भारी पड़ जाता है, जिसे केंद्र व राज्य सरकार आवश्यक सेवा में मानती है लेकिन उनके हितों के लिए कभी नही सोचती यह बात हर विद्युत कर्मचारी के दिल में खटक रही है। मसले को लेकर जब विद्युत कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते राजस्थान में सबसे पहले विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने स्वेच्छा से अपनी एक दिन का वेतन जनहित में देने की घोषणा की आवश्यक सेवाओं में होने के बावजूद विद्युत विभाग के कर्मचारियों का वेतन रोका गया उन्होंने कहा कि इस बात का कोई गम नही, जनहित सर्वोपरि है विद्युत कर्मचारियों को कर्मवीर न मानकर सरकार ने इन कर्मचारियों की उपेक्षा की है। सभी जानते हैं कि जनहित व्यवस्थाओं में विद्युत व्यवस्था का बहुत बड़ा योगदान रहता है कोरोना जैसी महामारी में भी विभाग के कर्मचारी अस्पतालों, विभागों, शहरों, गांवो, ढाणियों में लगातार अनवरत रूप से अपनी सेवाएं दे रहे है। इसके बावजूद उनकी उपेक्षा से लगातार विद्युत कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार बिजली कर्मचारियों को भी अन्य आवश्यक सेवाओं के लिये जाने वाले निर्णयों से जोड़कर विद्युत कर्मचारियों को उनके हक का सम्मान देकर उनका मनोबल बढ़ाएं। ऐसे समय मे बिजली कर्मचारी व अधिकारी भी उसी सम्मान के अधिकारी हैं जो कि अन्य आवश्यक सेवाओं के विभागों को मिल रहा है।