बेटी की याद में देवी मंदिर में कुर्सियां भेंट
शिक्षक दंपत्ति कुंदन-राकेश कटेवा ने चौधरियों के देवी मंदिर में की कुर्सी भेंट
बोले, हर साल निभाते है बेटी दीया की याद में सामाजिक सरोकार
झुंझुनूं, बेटियों को देवी का स्वरूप ही माना जाता है और जब बेटी असामयिक ही हमेशा के लिए विदा हो जाए तो देवी के मंदिर में जाने पर माता-पिता को सुकून मिला। जिसके फलस्वरूप ही चिड़ावा के शिक्षक दंपति ने देवी मंदिर में सुविधाओं की विस्तार की बात मन में आई। चिड़ावा की शिक्षक दंपत्ति हर साल अपनी बेटी की याद में सामाजिक सरोकार निभाकर ना केवल समाज को संदेश दे रहे है। बल्कि अपनी बेटी की यादों को भी चिर स्थायी कर रहे है। जी, हां झुंझुनूं के चिड़ावा के बख्तावरपुरा हाल विधायक नगर निवासी शिक्षक दंपत्ति कुंदन-राकेश कटेवा ने अपनी बेटी दीया कटेवा की तीसरी पुण्यतिथि मनाई। इस मौके पर उन्होंने कस्बे के चौधरियों के देवी मंदिर में 25 कुर्सियां भेंट की। इससे पहले भी पहली पुण्यतिथि पर पानी की टंकी और दूसरी पुण्यतिथि पर मंदिर में ही सीमेंटेड कुर्सियां भेंट की गई। कुंदन-राकेश कटेवा ने बताया कि उनकी बेटी पढाई में अव्वल रहती थी। पहली पुण्यतिथि पर जब वे चौधरियों के देवी मंदिर आए तो उन्हें यहां आकर काफी सुकून मिला। इसलिए अब हर साल यही पर सुविधाओं के विस्तार के लिए सहयोग देते है। इस मौके पर मंदिर महंत पं. महेंद्र चौमाल, संतोषदेवी, दक्षराज कटेवा, व्यवसायी राजेश बैद, कपिल कटेवा काशी, बिरजूसिंह, मातादीन बागड़ी आदि मौजूद थे। इसके अलावा बेटी की याद में शिक्षक राकेश कटेवा ने सिरसला की स्कूल के वार्षिकोत्सव में भी अपनी बेटी की याद में मेधावी छात्राओं को नगद पुरस्कार दिया।