अणतपुरा राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में
श्रीमाधोपुर, अणतपुरा राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में विषय परिवर्तन होने के बाद से विद्यार्थियों का आक्रोश थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। लगातार विद्यार्थी अपने परिजनों व ग्रामीणों के नेतृत्व में विद्यालय के मुख्य गेट के ताला जडक़र धरने पर बैठे हुए हैं, वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारीयों द्वारा विद्यार्थियों की समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मंगलवार को भी विद्यार्थियों ने विद्यालय के ताला बंदी का प्रदर्शन जारी रखा। मामले की जानकारी के अनुसार राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय अणतपुरा में कक्षा 11 तथा 12 में गत सत्र में भूगोल विषय संचालित किया गया था जिसमें विद्यार्थियों ने प्रवेश लेकर अपना अध्ययन सुचारु किया था और इस वर्ष भी विद्यार्थियों का 2 माह से भूगोल विषय में अध्ययन जारी था लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने एक आदेश फरमान करके भूगोल विषय को हटाकर अंग्रेजी साहित्य विषय लागू कर दिया। जिसको लेकर विद्यार्थियों ने बवाल मचा दिया और कहा कि हमें भूगोल विषय में ही पढ़ाई करनी है। वहीं विद्यार्थियों का कहना है कि भूगोल विषय का करीब एक चौथाई कोर्स भी करवा दिया गया है। उक्त मामले को लेकर परिजनों व विद्यार्थियों ने 25 अगस्त को विद्यालय के तालाबंदी कर एसडीएम लक्ष्मीकांत गुप्ता को शिक्षा विभाग के आला अधिकारी, शिक्षा राज्य मंत्री के नाम का ज्ञापन सौंप का 48 घंटे में समस्या का समाधान करने की मांग की थी तथा प्रशासन को चेतावनी दी थी कि यदि तय समय सीमा में उनकी मांग पर विचार विमर्श नहीं किया गया तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा जिसको लेकर ग्रामीण मंगलवार तक भी समस्या का समाधान नहीं होने पर विद्यालय के तालाबंदी कार धरने पर बैठे हुए हैं। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि भूगोल विषय की जगह प्रथम टेस्ट स्कूल के शिक्षकों ने अंग्रेजी साहित्य का लिया और टेस्ट के दौरान अंग्रेजी साहित्य की पासबुक से नकल करवा कर उनसे टेस्ट लिया गया है। विषय परिवर्तन करवाने की मांग को लेकर विद्यार्थियों ने मंगलवार को भी विद्यालय के तालाबंदी कर धरने पर बैठे रहे। वर्तमान में भी विद्यार्थियों व उनके परिजनों का लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। लेकिन इस कड़ाके की धूप में विद्यार्थियों का विद्यालय के गेट के सामने बैठे रहने के बावजूद भी शिक्षा विभाग के आला अधिकारी इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे ग्रामीणों व विद्यार्थियों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।