एलएसडी योद्धा कर रहे घर-घर सर्वे व उपचार, लंपी बीमारी को लेकर पशुपालन विभाग अलर्ट मोड में
जिले में स्थिति नियंत्रण में, झोला छाप पशु चिकित्सकों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश
चूरू, राजस्थान सहित देश के अनेक राज्यों में फैली मवेशियों की लम्पी स्किन डिजीज रोग प्रकोप की रोकथाम के लिए जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग के निर्देशन में जिला व उपखण्ड प्रशासन एवं पशुपालन विभाग द्वारा समुचित प्रयास किए जा रहे हैं। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ अशोक शर्मा ने बताया कि विभाग के कार्मिक घर-घर एवं गौशालाओं में सर्वेक्षण तथा उपचार का कार्य पूरी तत्परता से कर रहे हैं। निदेशालय स्तर से लगाये गये जिला नोडल अधिकारी डॉ. विक्रम सिंह शेखावत पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं तथा पूरे जिले में भ्रमण कर रहे हैं। डॉ. शेखावत ने सोमवार को सातड़ा, सेहला, रतनगढ एवं राजलदेसर एवं आसपास के क्षेत्र में पशुपालकों के घरों, खेताें व गौशालाओं में दौरा कर रोग प्रकोप की चिकित्सा का जायजा लिया व आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। उन्होंने बताया कि जिले में सभी आरआरटी टीम पूरी तत्परता से कार्य कर रही हैं तथा रोग प्रकोप की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। बड़े स्तर पर एक साथ मृत्यु होना नहीं पाया गया है। रविवार तक कुल 1 लाख 36 हजार 760 पशुओं का सर्वे किया गया, जिसमें प्रभावित गौवंश की संख्या 17 हजार 337 तथा उपचारित गौवंश की संख्या 12 हजार 251 थी। अब तक जिले में लम्पी रोग से 401 पशुओं की मृत्यु हुई है तथा कुल 2 हजार 89 गौवंश रिकवर हुए हैं।
जनप्रतिनिधियों ने सहायता के लिए बढाये हाथ
गौशाला प्रभारी डॉ. निरंजन लाल चिरानिया ने बताया कि जिले में फैल रहे लम्पी रोग प्रकोप से निपटने के लिए एवं गौशाला गौवंश को राहत पहुंचाने के लिए 5-5 लाख रुपये की सहायता विधायक निधि से किये जाने की घोषणा की गई है। सभी जनप्रतिनिधिगण से जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग एवं पशुपालन विभाग चूरू ने व्यक्तिशः अपील की थी। मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिराम चौहान ने अवगत करवाया कि सभी जनप्रतिनिधियों द्वारा दी गई राशि की प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी गई है एवं इस मद से दवाइयां व आवश्यक सामग्री का क्रय तथा परिवहन आदि में उपयोग किया जायेगा।
जिला व उपखण्ड प्रशासन सतर्क एवं संवेदनशील
डॉ. निरंजन लाल चिरानिया ने बताया कि जिला कलक्टर महोदय के निर्देशन एवं मॉनिटरिंग में सभी उपखण्ड अधिकारी व तहसीलदार, विकास अधिकारी पूर्णतया सक्रियता व संवेदनशील होकर कार्य कर रहे हैं। सभी उपखण्ड अधिकारीगण ने गौशाला संचालकों की बैठकें कर आवश्यक निर्देश प्रदान किये हैं।
जिला प्रशासन ने की पहल
जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने झोलाछाप व अनाधिकृत, अवैध एवं अपंजीकृत पशु चिकित्सा कार्य करने वालों पर प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इनके द्वारा एक ही सुई का इश्तेमाल कर बहुत सारे पशुओं का ईलाज किया जा रहा था, जिससे संक्रमण बढ रहा था एवं अत्यधिक पैसों की वसूली की जा रही थी, जिस पर रोक लगी है। पशुपालन विभाग के अनुरोध पर जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने स्थानीय निकायों से गौशालाओं को छिड़काव हेतु सॉडियम हाईपोक्लोराईट निःशुल्क दिये जाने के आदेश जारी किये हैं। प्रभावित क्षेत्र में सघन सर्वे एवं दवाइयों की पहुंच कायम करने के लिए जिला पूल चूरू से वाहन भी उपलब्ध करवाये गये हैं। उनके निर्देश पर विभाग द्वारा प्रथम दृष्टतया दवाइयों की पर्याप्त खरीद कर ली गई है।