नवीनीकरण के अभाव में बाधित होगा लाभ
चूरू, जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग के विशेष प्रयासों से जिले में पिछले 7 माह में अकेली पालनहार योजना में 2754 नए लाभार्थी जोड़े गए हैं। 21 जनवरी तक पालनहार लाभान्वित बच्चों की संख्या 12831 थी, जो अब बढ़कर 15585 हो गई है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अरविंद ओला ने बताया कि पालनहार योजना में अनाथ बालक-बालिका, न्यायिक आदेशों से मृत्यु दण्ड अथवा आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चों, पेंशन प्राप्त कर रही विधवा माता के बच्चों (एक समय में अधिकतम 3 बच्चों), पुनर्विवाहित विधवा माता के बच्चों , एच.आई.वी. एड्स पीड़ित माता-पिता के बच्चों, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता के बच्चों, नाता जाने वाली माता के बच्चों (एक समय में अधिकतम 3 बच्चों), विशेष योग्यजन माता-पिता के बच्चों, पेंशन प्राप्त कर रही तलाकशुदा- परित्यक्ता महिला के बच्चों तथा सिलिकोसिस पीड़ित माता-पिता के बच्चों को प्रतिमाह पेंशन से लाभान्वित किया जाता है। उन्होंने बताया कि अनाथ श्रेणी के 6 वर्ष तक की आयु के बच्चे को 1500 रुपये प्रतिमाह एवं 6-18 वर्ष तक की आयु के बच्चे को 2500 रुपये प्रतिमाह, शेष अन्य सभी श्रेणी के 6 वर्ष तक की आयु के बच्चे के लिए 500 रुपये प्रतिमाह तथा 6-18 वर्ष तक की आयु के बच्चे के लिए 1000 रुपये प्रतिमाह अनुदान दिया जाता है। उन्होेंन बताया कि विशेष देखभाल एवं संरक्षण वाले बालक-बालिकाओं की देखभाल करने वालों को पालनहार कहा गया है। इस योजना में ऎसे बालक-बालिकाओं का आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास सुनिश्चित करने के लिये सरकार द्वारा मासिक आर्थिक सहायता दी जाती है।
नवीनीकरण के अभाव में बाधित होगा लाभ
ओला ने बताया कि पालनहार योजना में लाभान्वित होने के बाद भी प्रत्येक वर्ष जुलाई में अध्ययन प्रमाण पत्र अपलोड कर नवीनीकरण करवाना होता है लेकिन जानकारी के अभाव में अनेक लाभार्थियों द्वारा यह नवीनीकरण नहीं करवाया जाता है। कई बार ई मित्र संचालक द्वारा अध्ययन प्रमाण पत्र अपलोड करने के बाद सबमिट बटन नहीं दबाने के कारण भी नवीनीकरण नहीं हो पाता है। जिले में शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के कुल 1034 व शैक्षणिक सत्र 2022-23 के कुल 9943 बच्चे पालनहार नवीनीकरण से शेष हैं। शैक्षणिक सत्र 2021-22 व 2022-23 के नवीनीकरण से चूरू में क्रमशः 71 व 860, राजगढ में 224 व 2174, तारानगर में 116 व 1061, सरदारशहर में 137 व 1682, रतनगढ़ में 216 व 1397, सुजानगढ़ में 116 व 1539, बीदासर में 154 व 1230 बच्चे शेष हैं। सभी लाभार्थियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका नवीनीकरण हो चुका है। समस्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों व बाल विकास परियोजना अधिकारियों को भी नवीनीकरण से शेष पालनहार बच्चों का निरन्तर अध्ययनरत प्रमाण पत्र संबंधित सरकारी, निजी विद्यालयों व आंगनबाड़ी से जारी करवाने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि पालनहार योजना से वंचित पात्र महिला-पुरुष भी ई-मित्र के माध्यम से आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर संबंधित ब्लॉक कार्यालयों, जिला कार्यालय में सम्पर्क कर निस्तारण करवाया जा सकता है।