झुंझुनूताजा खबर

योगाचार्या सुदेश खरड़िया ने इंटरनेशनल योगा बुक ऑफ रिकॉर्ड व वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया अपना नाम

झुन्झुनू, शेखावाटी क्षेत्र के झुन्झुनूं जिले में बेरला गॉंव की बेटी योगाचार्या सुदेश खरड़िया ने अपनी प्रतिभा की बदौलत इंटरनेशनल योगा बुक ऑफ रिकॉर्ड्स व वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवा कर ना केवल परिवार व समाज अपितु पूरे जिले को गौरवान्वित किया है। सुदेश पिछले काफी वर्षों से योगाचार्य डॉ. प्रीतम सिंह के निर्देशन में सूरजगढ़ पंचायत समिति क्षेत्र के गांव बलौदा में योग का अभ्यास कर रही है। इस वर्ल्ड वाइड वर्ल्ड रिकॉर्ड इवेंट का आयोजन एनएपीएस योगा सेंटर के संस्थापक योगाचार्य नरेश कुमार सैनी ने किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ल्ड रिकॉर्ड इवेंट में पूरे भारत से 2 दर्जन के लगभग राज्यों के प्रतिभागियों ने भाग लेकर इस कीर्तिमान को रचने में अपना योगदान दिया।

डॉ. प्रीतम सिंह ने बताया कि सुदेश शांत स्वभाव, अनुशासन प्रिय योग के संपूर्ण नियमों का पालन करते हुए बड़ी ही निष्ठा और एकाग्रता के साथ योग के कठिन से कठिनतम आसनो का अभ्यास करती है। योग कक्षा में इनके अनुशासन और उत्कृष्ट कार्य के चलते काफी बाहर इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। इसके साथ में यह एनएपीएस योगा सेंटर झुंझुनू राजस्थान की महिला जिला अध्यक्ष का प्रभार भी संभाल रही है। साथ ही साथ सुदेश आकाश हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर नाम से योगा सेंटर भी संचालित करती है, जिसकी यह राजस्थान की महिला प्रभारी भी है।

यह योगा की नेशनल प्लेयर है और उत्कृष्ट कार्य कर रही है ।इन्हें झुंझुनू योगा एसोसिएशन ट्रेडिशनल में 5 गोल्ड प्राप्त हैं। इसके साथ में यह योगा एसोसिएशन ऑफ राजस्थान में ट्रेडिशनल में गोल्ड मेडलिस्ट है। राष्ट्रीय स्तरीय योग प्रतियोगिता में भी इन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया है। योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर वैसे तो इनका काफी बार सम्मान हो चुका है, मगर विशेष रूप से इन्हें उपखंड स्तर पर भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके साथ में राष्ट्रीय साहित्यिक व सामाजिक संस्थान आदर्श समिति समाज इंडिया द्वारा सुदेश को “गॉंधी सेवा रत्न अवॉर्ड- 2022” से नवाजा गया है। योग के क्षेत्र में सुदेश निरंतर रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड दर्ज कर रही हैं। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी सहित परिवार एवं समाज के लोगों ने इनके उत्कृष्ट कार्य के लिए और वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने पर बधाइयां दी। सुदेश ने अपनी काबिलियत के दम पर यह सिद्ध कर दिया है कि बेटियों को मौका मिले तो वे भी कामयाबी का आसमान छू सकती हैं। सुदेश ने अपने बुलंद हौसले और हुनर से जिले, प्रदेश और देश को गौरवान्वित किया है।

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