भामाशाह शरद टीबड़ा ने जेल को भेंट की सात दशक पुरानी लाइब्रेरी
झुंझुनूं (हरीश जगनानि) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर जिला कारागृह झुंझुनू के बंदियों को मिनी लाइब्रेरी का तोहफा मिला है। भामाशाह शरद टीबड़ा पुत्र श्री लोकनाथ टीबड़ा ने बंदियों के नैतिक और चारित्रिक विकास के लिए अपना पैतृक पुस्तकालय संसाधनों सहित जिला जेल में शिफ्ट करा दिया। टीबड़ा परिवार की ओर से पत्रकार नागेश स्वामी एवं समाजसेवी हरीश जगनानी ने तीन अलमीरा और धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व की 311 पुस्तकें जिला जेल में भेंट की। भामाशाह टीबड़ा ने बताया कि बंदियो को समाज को नई दिशा देने के मकसद से उन्होने अपनी सम्पूर्ण लाइब्रेरी जिला कारागार में भेंट की है। जेल में रहने वाले विचाराधीन और सजायाफ्ता बंदी इन पुस्तकों को पढ़कर अपने जीवन मे कुछ अच्छा कार्य कर सकेंगे और भविष्य में गलत कार्यो से परहेज करेंगे। जेल उपाधीक्षक श्री प्रमोद सिंह शेखावत में इस पुनीत कार्य के लिए टीबडा परिवार का आभार जताया। उल्लेखनीय है कि चूणा चौक झुंझुनू मूल के भामाशाह श्री शरद टीबडा दो अक्टूबर को अपने सुपौत्र के जात-जडूले करने केड पधारे थे। समाजसेवी रामचंद्र मोदी व संजीव मोदी की पहल पर टीबड़ा ने अपने दादा श्री जगन्नाथ जी टीबड़ा द्वारा संचालित सात दशक पुरानी “टीबडा लाइब्रेरी” की पुस्तकें और अलमीरा जिला जेल में प्रदान करने की स्वीकृति दी।