सर्व समाज लोकतांत्रिक मंच सीएए और एनआरसी के विरोध में देगा धरना
झुंझुनूं, आज सर्व समाज लोकतांत्रिक मंच दवरा एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई। प्रेस को संबोधित करते हुए यशवर्धन सिंह शेखावत ने कहा कि यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि एक धर्म/ वर्ग के कुछ लोग हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसी को भारतीय नागरिकता देने का विरोध कर रहे हैं। जबकि ऐसा नहीं है सभी धर्मों के शरणार्थियों को नागरिकता देना तो बहुत ही मानवता पूर्ण कार्य है, और उन्हें नागरिकता मिलनी ही चाहिए लेकिन किसी भी तरह के भेदभाव के बिना। शिक्षाविद विकास शर्मा ने कहा की यह कानून भारत की मूल संरचना, भारतीय आत्मा और आत्मा का जिसमें निवास है उस संविधान के विरुद्ध है तथा सिर से लेकर पांव तक झकझोर देने वाला है। मांगीलाल मंगल ने कहा कि सीए और एनआरसी से सबसे ज्यादा घुमंतू जातियां, जमीन जायदाद से वंचित रहे दलित, आदिवासी, करोड़ों साधुओं, बाढ़ में या अन्य कारणों से विस्थापित, अनाथो आदि सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा और उन्हें अपने ही देश में बेगाना बना देगा और अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाने की स्थिति में विदेशी होने का दंश सहने को मजबूर करेगा। मोहम्मद इब्राहिम खान ने बताया कि आज से 12 तारीख तक पूरे जिले में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा जिसमें सीएए और एनआरसी की सही जानकारी देने वाले पेंफलेट्स बांटे जाएंगे। 13, 14 व 15 फरवरी को जिले की सभी पंचायतों में वहां के निवासियों के द्वारा ग्राम विकास अधिकारी और सरपंच को राष्ट्रपति के नाम सीएए और एनआरसी के विरोध में ज्ञापन सौंपें जाएंगे। 16 फरवरी से इस कानून के खिलाफ जिला मुख्यालय पर 56 घंटे का धरना “झुंझुनू का शाहिन बाग” रखा जाएगा। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अनिस धायल व अली हसन परवेज ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस अवसर पर जिले में बंटवाये जाने वाले पेम्फ्लेट्स का भी विमोचन किया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिलाल कुरेशी, सुमेर सिंह बुडानिया, फूल सिंह बर्वर, विजय यादव, रामचंद्र कुलहरी, यूनुस अली भाटी, मदन यादव, जितेंद्र कुलहरी, रामनिवास, पंकज गुर्जर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष, सौरभ जानू, एडवोकेट बजरंगलाल, मौलाना शेर मोहम्मद, मुराद पार्षद, असलम कपूर, धर्मपाल बंसीवाल, कैप्टन मोहनलाल, जितेंद्र आलडिया, जाकिर झुंझुनू वाला, नईम इकबाल सिद्दीकी आदि उपस्थित थे।