राजलदेसर, [सुभाष प्रजापत ] कस्बे में शुक्रवार को तेज बारिश आने के बाद कस्बे में एक प्राचीन पुरानी हवेली जो करीबन 100 वर्ष से अधिक पुरानी थी इस हवेली में दो जगह का बंटवारा है । जिसमें जवरीमल सुमेरमल चिडालिया, नवरत्न मल हीरावत दोनों परिवार के वंशज की हवेली है । जिसमें वर्तमान में बाबूलाल चिडालिया रहते हैं शुक्रवार को तेज बारिश एवं तूफान के चलते हैं हवेली के छत की दीवार नीचे गिर गई साथ ही मकान में भी बहुत सारी दीवारों में दरारें पड़ गई । हवेली के दोंनो साइड से रास्ते लगते हैं लेकिन गरिमायी रही कि कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई बाबूलाल ने बताया यह हवेली दोनों परिवार के सदस्यों की बंटवारे में विभाजन हुआ है लेकिन व्यक्ति बाहर रहने के कारण व हवेली की देखरेख कई वर्षों से नहीं करने आते जिससे हम समय-समय पर अपने स्तर पर इनकी मरम्मत भी करवाते थे लेकिन हवेली पुरानी होने के कारण पूरी तरह से झंझर अवस्था में है । जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है मैं स्वयं अपने परिवार सहित इसमें रहता हूं आज मैंने सभी भाइयों से चर्चा की है मैं अब अब किराया के मकान में रहूंगा क्योंकि अभी बारिश का समय है कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है वही अन्य लोगों से मोबाइल द्वारा बात करने पर उन्होंने बताया कि हमारी सबकी सहमति है अति शीघ्र इससे हवेली को तुड़वा दिया जाएगा ताकि कोई बड़ा हादसा ना हो । मीडिया के प्रतिनिधि हवेली का निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां पर बाबूलाल चिडालिया का पूरा परिवार डरा हुआ सा महसूस कर रहा था एवं उनके लिए बहुत बड़ा संकट भी खड़ा हो गया क्योंकि अचानक उनका अस्थाई तौर पर मकान लेकर हवेली को छोड़ना होगा जैसे ही दीवार टूटने की सूचना मिली आसपास के लोग इकट्ठे हो गए ।