वक्ताओं ने हिंदी के महत्व के बारे में बताया
झुंझुनू, श्री जगदीश प्रसाद झाबरमल टिबड़ेवाला विश्वविद्यालय मे हिंदी विभाग द्वारा हिन्दी दिवस का आयोजन किया गया। हिंदी दिवस के उपलक्ष में हिंदी विभाग द्वारा निबंध ,भाषण/कविता वाचन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया कार्यक्रम में निर्णायक मंडल में कला संकाय से डॉ सुशील दुबे, डॉ. रविंद्र कुमार भोजक , डॉ अनिल कुमार पांडे शामिल रहे।
चेयरपर्सन डॉ. विनोद कुमार टिंबरेवाला ने हिंदी दिवस के पावन उत्सव पर बधाई संदेश प्रेषित किया ।
डायरेक्टर स्टेट इंजी. बालकृष्ण टिबरेवाला ने हिंदी दिवस के उपलक्ष में कहा कि हिंदी भाषा भारत के अलग अलग राज्यों के अलग अलग धर्मों, जातियों, संस्कृति, वेशभूषा व खान-पान वाले लोगों को एकता के सूत्र में बांधती है। कार्यक्रम में प्रेसिडेंट डॉ. देवेंद्र सिंह ढुल ने अपने विचारों द्वारा बताया कि 14 सितंबर का दिन प्रत्येक भारतवासी के लिए गर्व का दिन है। ये पूरे देश को एक रखने वाली भाषा हिन्दी का दिन है। सांस्कृतिक विविधताओं से भरे देश भारत में हिन्दी दिवस के दिन की अहमियत बहुत ज्यादा है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों का खान-पान रहन-सहन, वेश-भूषा यहा तक की विचारधारा भी अलग-अलग प्रकार की है। भारत के विभिन्न भागों में अलग-अलग हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई बोध पारसी तथा जैन धर्म के अनुयायी रहते है और ये धर्म विभिन्न जातियों में बटे हुए हैं। विभिन्न क्षेत्रों के लोग अलग-अलग भाषाएं बोलते है। धर्म जाति, भाषा, संस्कृति की इन विविधताओं के फासलों को हिन्दी भाषा खत्म कर देती है। हिन्दी ही है जो अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों के दिलों की दूरियों को मिटाती है और सभी को एकता के सूत्र में रखती है।
मुख्य अतिथि हिंदी प्रवक्ता सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि कोई भी हिन्दुस्तानी जहां भी हो दूसरे हिन्दुस्तानी से हिन्दी भाषा के माध्यम से ही अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करता है। अपने दिल और मन की बात अगर किसी भाषा में सहजता से की जा सकती है विश्वविद्यालय की सलाहकार समिति की अध्यक्षा डॉ. मधु गुप्ता बताया कि हिन्दी दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि आजादी मिलने के 2 वर्ष के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिन्दी को राजभाषा घोषित किया गया था। कुलसचिव डॉ. अजीत कस्वां ने हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारी हिन्दी भाषा हमारा गर्व हमारा अभिमान है अन्य भाषाएँ तो हमे कार्य तो दे सकती है लेकिन कोई संस्कार नहीं दे सकती। यह हिन्दी भाषा से ही संभव है। डॉ. वी. सी. महापात्रा ने कहा कि हिंदी भाषा भारत में बोली जाने वाली मुख्य भाषा है। इसे सदियों से हमारे पूर्वज और अब हमारे द्वारा संवाद के लिए उपयोग किया जाता है। यह हमारी धरोहर है, जिसे हमें सुरक्षित रखते हुए अपनी आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना है। हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. धनेश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. रचना शर्मा, डॉ. अंशु शर्मा ने किया। कार्यक्रम में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन डॉ.बिकेश सिंह, डॉ.विजय कुमार देखरेख में किया गया ।कार्यक्रम में रेडियो निदेशक सुश्री मंजरी मिश्रा व हेड एच आर डॉ महेश राजपूत, मुख्य वित्त अधिकारी डॉ. अमन गुप्ता , डॉ. कपिल जानू, डॉ.इकराम व सभी संकायों के विभागाध्यक्ष , प्राचार्य व विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।