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Video News – झुंझुनू में एक साथ बड़ी संख्या में आए आज वीआईपी, झुंझुनू ने खुद उनके सामने रखी अपनी व्यथा

मैं झुंझुनू बोल रहा हूं, वीआईपी पावणे आते रहा करो कुछ कुछ अच्छा होता है

मेरे बदहाल हालातो में कुछ समय के लिए ही सही पर सुधार होता है

झुंझुनू, झुंझुनू शहर में आज वीआईपी लोगों का आगमन हुआ जिसमें भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्य सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत इत्यादि मुख्य है। जितना बड़ा वीआईपी उतनी ही बड़ी तैयारी होती हैं और जिस क्षेत्र से उनका गुजरना और कार्यक्रम होता है वहां के हालातो में फौरी तौर पर ही सही पर सुधार देखने को मिलता है और आज झुंझुनू शहर की व्यथा ऐसी ही कुछ सामने आई। जिसमे झुंझुनू शहर ने खुद अपनी व्यथा इस तरह से व्यक्त की। मैं झुंझुनू शहर बोल रहा हूं वीआईपी तुम आते रहा करो। आपके आने से मेरे बदहाल हालातो में कुछ समय के लिए और कुछ क्षेत्रों में सुधार देखने को मिलता है। वर्षों से मिट्टी में दबे पड़े हुए कई नालों ने आज खुली हवा में सांस ली है क्योंकि आपका आगमन था। वर्षों से जमे कचरे से मुझे छुटकारा पाकर नालो को आज स्वतंत्र होने की अनुभूति हुई। जिधर तक आपकी नजर जानी थी या गुजर ना होना था जहां पर आपका कार्यक्रम होना था उन सड़कों की भी प्रशासन ने सुध ली और लंबे समय से पड़े हुए गढ्ढो को भी फौरी तौर पर कारी लगाकर इलाज किया गया गया। मानो सड़को के जख्मो पर एंटीसेप्टिक लगाकर पट्टी बाँध दी गई हो। आदरणीय वीआईपी यह कुछ विशेष तो नहीं है सामान्य कामकाज है लेकिन मेरे लिए ये अवसर उत्सव से कम नहीं है। शहर की सड़को पर बने डिवाइडरों में सौंदर्य करण के लिए लगाई गई वनस्पति की भी काट छांट की गई यह भी मेरे लिए सुखद अनुभूति ऐसी थी मानो मेरे बालो को कटिंग कर आज सवारा गया हो। आपके आगमन की खुशी में मेरे कुछ हिस्सों को सजाया गया संवारा गया। दीवारों पर सुंदर पेंटिंग की गई। यह मेरे लिए उमस भरी गर्मी के बीच सुखद सावन के झोंके से कम नहीं था। इसलिए कहता हूं कि मैं झुंझुनू बोल रहा हूं वीआईपी अतिथि तुम आते रहा करो और अगली बार आओ तो मेरे दूसरे क्षेत्र में या अलग-अलग हिस्सों में आया करो। जिसके चलते मेरे ही अंदर निवास करने वाले इन शहर वासियों को कुछ राहत मिले। हालांकि अतिथि मुझे पता है कि तुम्हारे आगमन से मेरी बड़ी समस्याएं अवैध निर्माण, स्वीकृति के विपरीत निर्माण कार्य, अतिक्रमण, मेरे शरीर के हिस्से पर बनी सांस्कृतिक विरासत की स्वरूप टूटती हवेलियां इनका तो संरक्षण नहीं हो पाएगा लेकिन छोटी-छोटी मेरी समस्याओं से मुझे कुछ निजात जरूर मिलेगी। एक बार पुनः मेरी कामना वीआईपी तुम आते रहा करो ताकि बदहाल हालातो में कुछ राहत में महसूस कर सकूं।

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