मोबाइल वेटरनरी यूनिट सेवा को एकीकृत प्लेटफार्म पर संपादित करने की तैयारी, पशुपालकों को मिलेगी राहत
सीकर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार द्वारा डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देते हुए जन उपयोगी सेवाओं को आसान बनाया जा रहा है। योजनाओं में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने से सेवाएं त्वरित, पारदर्शी और सुलभ होती हैं। यह नागरिकों को सरकारी लाभों तक ऑनलाइन माध्यम से आसानी से पहुंचने में मदद करता है, जिससे भ्रष्टाचार में कमी आती है और पारदर्शिता बढ़ती है। समय और धन की बचत के साथ-साथ प्रक्रियाएं सरल होती हैं, जिससे योजनाओं का प्रभाव अधिक व्यापक और समान रूप से महसूस किया जा सकता है।
शासन सचिव पशुपालन, डॉ समित शर्मा ने कहा है कि पशुओं का चिन्हीकरण, टीकाकरण, प्रजनन, पोषण तथा बीमारियों के उपचार और मोबाइल वेटरिनरी यूनिट सेवा को एकीकृत प्लेटफार्म पर संपादित किया जाएगा।
इस विषय पर चर्चा करने के लिए शर्मा की अध्यक्षता में भारत सरकार के नेशनल डिजिटल लाइव स्टॉक मिशन के प्रतिनिधियों के साथ पशुपालन विभाग के अधिकारियों की बैठक सचिवालय में आयोजित की गई। इस चर्चा में बीआईएफएल (मोबाइल वेटरिनरी यूनिट तथा कॉल सेंटर सेवा प्रदाता) के प्रतिनिधि भी ऑनलाइन शामिल हुए। डॉ. शर्मा ने बीआईएफएल को निर्देश दिए कि वे टेलीमेडिसिन, व्हाट्सअप और चैटबोट का उपयोग 1962 कॉल सेंटर पर करें। उन्होंने निदेशक पशुपालन को निर्देश दिए कि विभाग के अधिकारियों को भारत पशुधन एप की अधिक जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक कराई जाए जिसकी अनुपालना में बैठक के बाद पशुधन भवन में यह बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभाग के अधिकारियों ने पशुधन एप से संबंधित अपनी शंकाओं का समाधान किया। पशुओं के उपचार के लिए ई-दवा पर्ची का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए
जयपुर में आयोजित बैठक में डॉ. शर्मा ने निर्देश दिया कि “1962” एप अधिक से अधिक पशुपालकों से डाउनलोड करवाया जाए ताकि वे विभागीय योजनाओं का लाभ आसानी से उठा सकें और अपने पशुओं के बारे में भी जानकारियां ले सकें। उन्होंने कृषि विभाग के अंतर्गत बने किसानों के व्हाट्सअप ग्रुप पर 1962 एप डाउनलोड करने के निर्देश दिए। इस एप के माध्यम से पशुपालक अपने पशुओं के उपचार के लिए सीधे ही कॉल सेंटर पर कॉल कर सकेगा। उन्होंने कहा कि पशुओं के टैग नंबर को उनका आधार नंबर माना जाए और उसी नंबर से उनका रजिस्ट्रेशन 1962 एप पर किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि भारत पशुधन एप के एनिमल हेल्थ मॉड्यूल को जल्द से जल्द लागू करने के। लिए योजनाबद्ध रूप से पसे आवश्यक तैयारी की जाए। इस संबंध में पशु चिकित्सकों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश भी डॉ. शर्मा ने दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि पशुओं के उपचार के लिए ई-दवा पर्ची का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। भारत पशुधन एप के नॉलेज सेंटर पर उपलब्ध जानकारियों को साझा करने के लिए आई गॉट कर्मयोगी प्लेटफार्म का उपयोग किया जाना चाहिए।