भामाशाह उद्योगपति बनवारीलालजी मित्तल एक परिचय
दांतारामगढ़, [लिखा सिंह सैनी ] दांता निवासी कोलकाता प्रवासी बनवारी लाल मित्तल का जन्म 1 जुलाई 1968 को दांता, जिला सीकर (राजस्थान) में हुआ। पिता स्वर्गीय सांवरमलजी मित्तल व माता श्रीमती गौमती देवी ने गांव में उनका पालन-पोषण किया। सन् 1989 में गवर्नमेंट हायर सैकण्डरी स्कूल से हायर सैकण्डरी स्कूल पास की। उच्च शिक्षा व रोजगार की तलाश में कोलकाता चले गए। 1992 में इन्होंने ऑल इंडिया रैंक हासिल करने के साथ चार्टर्ड अकाउंटेंसी कंपनी सेक्रेटरी और कॉस्ट अकाउंटेंसी की अपनी व्यावसायिक योग्यता उत्तीर्ण की। सन 1992 से 2000 तक बिरला समूह में कराधान और ट्रेजरी डिपार्टमेंट में काम किया। सन 2000 में माइक्रोसेक फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के नाम से वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में कंपनी शुरू की। सन् 2013 में सस्ता सुंदर डॉट कॉम नाम से दूसरी कंपनी शुरू की। सालाना 550 करोड़ से अधिक टर्नओवर रखने वाली उनकी कंपनी 1500 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रही है। इस्कॉन फूड फाउंडेशन के साथ जुड़कर एक कार्यकर्ता के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। बीएल मित्तल सामाजिक कल्याण और सामुदायिक विकास कार्यक्रम में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं और सीकर जिला कल्याण परिषद में ट्रस्टी हैं और परिषद की विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। इन्होंने विशिष्ट धर्मार्थ परियोजनाओं के लिए माइक्रोसेक फाउंडेशन की स्थापना की और ट्रस्ट ने सामाजिक आवश्यकता की बहुपरियोजनाओं को क्रियान्वित किया है। बीएल मित्तल ने ग्राम दांता के धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में योगदान दिया है और विभिन्न परियोजनाओं के लिए एक करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया है। बीएल मित्तल ने डिजिटल मीडिया द्वारा ईज़ी लर्निंग का समर्थन करने के लिए ट्री कैंपस एकेडमी फाउंडेशन की स्थापना की। हाल ही में अंग्रेजी बोलने व सीखाने के लिए ऐप ‘ट्री कैंपस’ लॉन्च किया। यह ऐप छात्रों को आईएएस / आईपीएस / सीए/सीएस / मेडिकल / इंजीनियरिंग आदि जैसे उच्च अध्ययन करने के लिए जब उच्च शिक्षा का व्यवसायीकरण हो रहा है, उस समय यह मुफ्त ऐप उच्च अध्ययन के सभी छात्रों तक निःशुल्क सुविधा प्रदान करेगा।
उद्योगपति बनवारीलालजी मित्तल क्षेत्र में करवा रहे है विकास कार्य शिक्षा, सेहत व युवतियों को रोजगार देने के लिए खर्च किए दो करोड
मित्तल ने बताया कि मैंने बचपन में पढ़ाई के दौरान कई सारी समस्याएं व अभाव देखे थे। बच्चों के पास किताबें नहीं होती थी। कुछ तो फीस भी नहीं चुका पाते थे। ये सब देखकर मन में यह भावना थी कि जब कभी मौका मिलेगा तो क्षेत्र के बच्चों की पढ़ाई में आने वाली सुविधाओं पर भविष्य में काम करेंगे। इसी समर्पण भाव से वे क्षेत्र में पिछले पांच सालों से स्कूलों के विकास, लोगों की सेहत के लिए पार्क और महिलाओं व बालिकाओं को स्वरोजगारोन्मुखी बनाने व गांव की स्वच्छता के लिए प्रयासरत हूं। पांच साल में दो करोड़ से अधिक रुपए खर्च कर चुका हूं। आगे भी यह कार्य जारी रहेगा। साथ ही सीकर जिला कल्याण परिषद का ट्रस्टी हूं। धर्मार्थ परियोजनाओं के लिए माइक्रोसेक फाउंडेशन की स्थापना की। एक निःशुल्क अंग्रेजी सीखने के लिए एप, ट्री कैंपस भी लॉन्च किया है। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा और हायर एक्सपोजर दिया जा रहा है। दांता निवासी घीसालाल छीपा जनसेवा के लिए उन्हें प्रेरित करते रहते हैं।
श्री मित्तल के व्यक्तित्व की विशेषताएँ-
गो भक्त, धर्मपारायण, शिक्षा प्रेमी, युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत, स्वच्छता प्रेमी, सामाजिक, महिला शक्तिकरण को बढावा देने वाले।
शिक्षा भूषण से सम्मानित भामाशाह बी. एल. मित्तल का योगदान
भामाशाह मितल के प्रेरक घीसालाल छीपा ने बताया कि निम्नलिखित सभी कार्य इनके पिता स्व. श्री सांवरमल मित्तल की पुण्य स्मृति में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती गौमती देवी मित्तल एवं उनके पुत्र बी.एल. मित्तल द्वारा करवाये गये ।
- दांता राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 5 लाख 51 हजार रुपए से छत मरम्मत का कार्य जापानी पद्धति से करवाया।
- 2 लाख 25 हजार रूपए से कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए फाउंडेशन कोर्स चालू किए।
- 1 लाख 51 हजार रूपए के गणवेश बांट चुके हैं।
- 4 लाख 20 हजार रूपए से 300 टेबल व स्टूल बनाकर दे चुके हैं।
- 81 हजार रुपए के स्कूल बैग वितरित कर चुके हैं।
- विद्यालय में गणित का अध्यापक नहीं होने पर निजी अध्यापक को 1 लाख 20 हजार रुपए मानदेय देकर शिक्षक लगवाया।
- राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दांता में 11 लाख रुपए की लागत से अत्याधुनिक कंप्यूटर लैब का निर्माण करवा चुके हैं। मुख्यमंत्री जनसहभागिता से 20 लाख से बाडियावास में 4 हॉल व 1 कमरे का निर्माण करवाया।
- 35 हजार रुपए कम्प्यूटर शिक्षा व्यवस्था पर खर्च कर कम्प्यूटर शिक्षक को कम्प्यूटर सिखाने का मानदेय दिया।
- महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय दांता में 91 हजार रूपए से सीसीटीवी कैमरे लगवाए।
- कचरा उठाने के लिए ग्राम पंचायत दांता को 4.87 लाख की लागत से वाहन उपलब्ध करवाए।
- अग्रवाल भवन दांता में 9 लाख 25 हजार रू. की लागत से एक हॉल का निर्माण करवाया।
- गोपाल गोशाला दांता में 11 लाख की लागत से 60 x 30 वर्ग फीट का चारा संग्रहण कक्ष बनवाया ।
- गोपाल गौशाला में गौ ग्रास संग्रहण हेतु 7 लाख रुपये की लागत से टैम्पो उपलब्ध करवाया।
- नलापति बालाजी में 3.50 लाख रुपए से टीनशेड निर्माण करवाया।
- प्राचीन शिव मठ में लगभग 45 लाख रु लागत से जीर्णोद्धार (श्रीमती गौमती देवी एवं उनके पुत्रों श्री अर्जुन मित्तल, बी.एल.मित्तल एवं नरसी मित्तल के द्वारा करवाया गया)
- पिछले एक वर्ष से तीन महीने के एक बैच में 35 महिलाओं को निःशुल्क सिलाई, कड़ाई प्रशिक्षण स्वयं के आवास पर करवाते है। जिसमें लगभग 2.50 लाख रूपए सालाना खर्च होता है।
- सीकर जिला कलक्टर को 17 एलईडी (लगभग 8.25 लाख रूपए) महात्मा गांधी विद्यालयों हेतु उपलब्ध करवाये।
18.राउमावि दांता में प्रवेश द्वार का निर्माण 6 लाख रुपए की लागत से करवाया इस प्रवेश द्वार का लोकार्पण 14 अक्टूबर को ओमदास महाराज ने किया था