बनाई गई नई सड़क की गुणवत्ता को लेकर उठे सवाल
फतेहपुर शेखावाटी [बाबूलाल सैनी ] कई सालों तक कोतवाली तिराहे से लेकर पुराने सिनेमा हॉल तक टूटी फूटी सड़क के धक्के खाने के बाद जब नई सड़क बनने की घोषणा हुई तब कहीं ना कहीं शहर की जनता को यह उम्मीद जगी कि अब तो आखिर इस उबड़ खाबड़ और टूटी फूटी सड़क से हमें निजात मिलेगी। काफी समय बाद सड़क का कार्य शुरू हुआ आधी सड़क भी बनी लेकिन जब सड़क के ऊपर से मिट्टी हटाई गई तो लोगों को महसूस हुआ कि हमें दोबारा उसी टूटी फूटी और उबर खाबर सड़क के धक्के झेलने पढ़ेंगे जो पिछले कई वर्षों से हम झेलते आए हैं। कई करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाली यह सड़क पता नहीं ठेकेदारों ने कौन सी कलाकारी से डाली कि जगह-जगह सड़क पर खड्डे पड़े हैं दरारें आई हुई है और सड़क पूरी होने से पहले ही सड़क के कंकर निकल रहे हैं। इतना ही नहीं सड़क का घटिया स्तर आप इसी हाल से अंदाजा लगा सकते हैं कि हर महीने ठेकेदारों को सड़क पर जगह-जगह सीमेंट का घोल डालकर कंकर को दबाना पड़ रहा है। ताकि आम जनता को सड़क के यह निकले हुए कंकड ना दिखाई पड़े आखिर कौन सी मजबूरी है यहां की आम जनता की यहा के राजनेताओं की यहां के जनप्रतिनिधियों की कि सब कुछ देखते हुए भी उन्होंने अपनी आंखें बंद कर रखी है।