विशिष्ट न्यायाधीश नीरजा दाधीच द्वारा
झुंझुनूं, विशिष्ट न्यायाधीश अनु.जाति, जनजाति (अत्याचार निवारण) प्रकरण झुंझुनूं नीरजा दाधीच द्वारा दिये एक निर्णय में एक अनु.जाति की महिला का अपहरण कर उससे बलात्कार करने के आरोपी लाला उर्फ विरेन्द्र पुत्र लक्ष्मण जाट निवासी नरहड़ पुलिस थाना पिलानी को आजीवन कारावास की सजा व पांच हजार रूपये अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है। मामले के अनुसार 24 मई 2016 को पीडि़त महिला ने पुलिस थाना पिलानी में एक रिपोर्ट दी कि 23 मई 2016 को प्रात: 10:30 बजे वह दवा लेने के लिये चिड़ावा जा रही थी कि घर से थोड़ी दूर आगे निकली तो पिछे से एक बोलेरो गाड़ी में लाला जाट आया और बोलेरो गाड़ी उसके पास रोककर कहा कि वह कहां जा रही है, तो उसने कहा कि चिड़ावा दवा लेने जा रही है, तो उसने कहा कि वह भी चिड़ावा जा रहा है तथा उसे गाड़ी में बिठा लिया और थोड़ा आगे चलकर गाड़ी चिड़ावा की बजाय उसे झुंझुनूं की बीड़ में ले गया तथा वहां पर आरोपी यह जानते हुये कि वह अनु.जाति की महिला है उसके साथ जबरन बलात्कार किया। उसने शोर शराबा करने की कोशिश की तो उसका मुंह बंद कर अपनी बोलेरो गाड़ी से वापस ग्राम नरहड़ में लाकर छोड़ दिया व धमकी दी कि किसी के आगे जिक्र किया तो जान से खत्म कर देगा आदि। इस रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर बाद जांच लाला उर्फ विरेन्द्र के विरूद्ध अपहरण, बलात्कार व एससी एसटी एक्ट में आरोप पत्र सम्बन्धित न्यायालय में पेश कर दिया। विशिष्ठ लोक अभियोजक मोहम्मद रफीक ने इस्तगासा पक्ष की तरफ से कुल 12 गवाहान के बयान करवाये तथा 17 दस्तावेजों को प्रदर्शित करवाया। न्यायाधीश ने पत्रावली पर आई साक्ष्य का बारिकी से विश्लेषण करते हुये लाला उर्फ विरेन्द्र को उक्त सजा के साथ-साथ अपहरण के मामले में भी उसे सात वर्ष का कठोर कारावास व पांच हजार रूपये अर्थदण्ड तथा एससी एसटी एक्ट में भी उसे आजीवन कारावास व पांच हजार रूपये का अर्थदण्ड देते हुये सभी सजाएं साथ-साथ चलने का आदेश दिया।