झुंझुनूताजा खबर

विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर किया पौधारोपण कार्यक्रम

छत्रछाया के सौजन्य से जीवेम द्वारा

झुंझुनू, कल 5 जून, 2020 को संपूर्ण विश्व में मनाए जा रहे विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर पर्यावरणरक्षण एवं संरक्षण के लिए समर्पित संस्था छत्रछाया के सौजन्य से जीवेम हाऊस मोदी रोड़ के पास स्थित निर्मल कुमार मोदी पुत्र गिलूराम जी मोदी के खाली प्लॉट मेें पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण रूप से ध्यान रखते हुए किया गया। छत्रछाया की संस्थापक सदस्य नीरजा मोदी ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना महामारी के इस संकटकाल में सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है कि मानव मात्र की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता उच्च स्तर की होनी चाहिए। इसी बात को विशेष ध्यान में रखते हुए नीम गिलोय का पौधारोपण किया गया। नीरजा मोदी ने बताया कि आयुष मंत्रालय, भारत सरकार तथा आयुर्वेद के विद्वानों द्वारा बताया गया है कि नीम गिलोय के काढ़े का नियमित रूप से सेवन करने से मनुष्य की इम्यूनिटी पॉवर अर्थात् रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है तथा रक्त शोधन के लिए यह एक रामबाण औषधी है। इसके अतिरिक्त भी नीम गिलोय का सेवन कई अन्य रोगों का भी जड़ से इलाज करता है। नीरजा मोदी ने कहा कि नीम गिलोय के वृहद् प्रयोग को ध्यान में रखते हुए छत्रछाया की ओर से अधिक से अधिक लोगों को नीम गिलोय की पौध लगाने के लिए तथा इसके नियमित सेवन के लिए प्रेरित किया गया है। नीम गिलोय की पौधारोपण कार्यक्रम आज सायं 5 बजे रामगोपाल महमिया, उमाशंकर महमिया, भावना शर्मा, नीरजा मोदी, डॉ दिलीप मोदी, मधु मोदी पत्नि निर्मल मोदी एवं आकाश मोदी के सानिध्य में किया गया। इस अवसर पर नीरजा मोदी ने छत्रछाया के बारे में बताते हुए कहा कि यह संस्था नए पौधारोपण के साथ-साथ गत कई वर्षों में रोपित किए गए पौधों के रक्षण एवं संरक्षण का भी कार्य करते हैं जिसके अन्तर्गत छत्रछाया के सदस्यों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में रोपित किए पौधों को गोद ले लिया जाता है या पर्यावरण प्रेमियों को गोद दे दिया जाता है जिससे कि रोपित किए गए पौधों की अच्छे से देखभाल की जा सके। इस अवसर पर जीवेम चेयरमैन डॉ दिलीप मोदी ने छत्रछाया के सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि पर्यावरण की रक्षा करते हुए ही अब हम हमारी आगे आने वाली पीढिय़ों को एक बेहतर जीवन दे सकते हैं। विशेष उल्लेखनीय है कि इस आयोजन में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए बहुत ही सीमित सदस्यों द्वारा पौधारोपण कार्यक्रम किया गया।

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