विश्वविद्यालय गांधी विद्या मंदिर में
सरदारशहर (जगदीश लाटा) उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान मानित विश्वविद्यालय गांधी विद्या मंदिर में राज्यपाल कलराज मिश्र के आतिथ्य में पंचम दीक्षांत समारोह का ऑनलाइन भव्य आयोजन हुआ। दीक्षांत समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने गांधी विद्या मंदिर की सराहना करते हुए कहा कि 2 अक्टूबर 1950 को स्थापित यह ऐतिहासिक संस्था है। इस संस्था की नींव पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने रखी थी और इसे विनोबा भावे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे महान लोगों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है। इस संस्था ने अपने विद्यार्थियों में जो संस्कारों का बीजारोपण किया है उसे सभी दीक्षांत धारी अपने जीवन में फलीभूत करेंगे। कुलाधिपति श्री कनक मल दूगड़ ने दीक्षांत शपथ एवं मंत्रोचार के साथ साथ विश्व के महान गुरुओं को नमन करते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। साथ ही कुलाधिपति ने स्वामी विवेकानंद के शिकागो धर्म सम्मेलन एवं विनोबा भावे के जन्मदिन का भी स्मरण करवाया। प्रोफेसर पुरुषोत्तम लाल चतुर्वेदी कुलाधिपति गांधी विद्या मंदिर ने कहा कि विकसित देशों की भांति भारत भी अपनी राष्ट्रीय आय का 6{44d7e8a5cbfd7fbf50b2f42071b88e8c5c0364c8b0c9ec50d635256cec1b7b56} भाग शिक्षा पर खर्च करेगा जिससे शिक्षा के स्तर में सुधार होगा एवं गुणवत्ता आएगी। दीक्षांत समारोह की शुरुआत पवित्र यज्ञ के साथ हुई, वहीं शोभायात्रा सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्वलन के साथ साथ मूल कर्तव्यों का भी वाचन किया गया। कार्यक्रम में पीएचडी अधि स्नातक और स्नातक विद्यार्थियों को उपाधि दी गई साथ ही आयोजित दीक्षांत समारोह में सोशल डिस्टेंस के नियमों का यथावत पालन किया गया।