आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में
सूरजगढ़, आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में राष्ट्रीय महिला दिवस पर 13 फरवरी को भारत कोकिला के नाम से विख्यात सुप्रसिद्ध कवयित्री और स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू की जयंती पर महिलाओं के सम्मान में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। ऑनलाइन राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में देश के विभिन्न प्रांतों से कवि व साहित्यकार भाग लेंगे। राष्ट्रीय कवि सम्मेलन की प्रभारी कवयित्री कमल धमीजा ने बताया कि राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का संचालन प्रयागराज की कवयित्री रेनू मिश्रा दीपशिखा करेंगीं। धर्मपाल गांधी की अध्यक्षता और डॉ. निशा माथुर के मुख्य आतिथ्य में होने वाले कवि सम्मेलन में सुप्रसिद्ध कवयित्री महादेवी वर्मा की शिष्या कविता उपाध्याय, दिल्ली से डॉ. नीरजा मेहता ‘कमलिनी’, फरीदाबाद हरियाणा से सीमा कौशिक ‘मुक्त’ व प्रीती पाठक ‘प्रीति’, हरिद्वार से पूजा अरोरा, हसनपुर अमरोहा से एडवोकेट मुजाहिद चौधरी, कटक ओडिशा से संघमित्रा राएगुरु, नोएडा से कुम्मू जोशी भटनागर, भोपाल से रश्मि मिश्रा ‘रश्मि’, प्रयागराज से ललिता पाठक व गीता सिंह, मुजफ्फरपुर बिहार से रेखा शर्मा ‘स्नेहा’, झारखंड से जामवंती मिश्रा, पलवल से वीणा अग्रवाल, खेतड़ी नगर राजस्थान से भागवती कांटीवाल, गोवा से विकास कुमार आदि अन्य कवि और साहित्यकार कार्यक्रम में भाग लेंगे। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी भारत कोकिला सरोजिनी नायडू का देश की आजादी व संविधान निर्माण में बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनके जन्मदिवस पर राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित करना हमारे लिए गर्व की बात है। इतिहास की महान कवयित्री और स्वतंत्रता संग्राम की नायिका सरोजिनी नायडू ने महिलाओं के लिए अपनी आवाज बुलंद की थी, इसी वजह से सरोजिनी नायडू के जन्मदिन को देशवासी राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाते हैं। गुलामी के समय भारतीयों की सोई हुई चेतना को जगाने के लिए सरोजनी नायडू ने घर-घर जाकर उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में जुड़ने के लिए प्रेरित किया। अंग्रेजों की चमचागिरी करने वाले भारतीयों की चेतना को झकझोर कर उन्होंने देश के लिए उनके कर्तव्यों को याद दिलाया। कहा जाता है कि जब सरोजनी नायडू हजारों की भीड़ में अपना भाषण देती थी, तो हर कोई उनके वक्तव्य से आश्चर्यचकित रह जाता था।‘ भारत कोकिला’ सरोजिनी नायडू एक बहुत ही ऊर्जावान महिला थीं। बात चाहे कविताओं के जरिये सामाजिक बुराइयों पर रोशनी डालने और महिलाओं को मताधिकार दिलाने की हो या फिर सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान सबसे आगे रहकर अंग्रेजों की लाठीचार्ज का सामना करने की हिम्मत रखने, आजादी, न्याय और सशक्तिकरण के लिए संघर्ष करने की हो, किसी भी मामले में वह पीछे हटने वाली महिला नहीं थीं। एक बेहतर दुनिया के लिए लड़ने का साहस उनमें कूट-कूटकर भरा हुआ था। भारत कोकिला कहलाने वाली सरोजिनी नायडू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष थी। आजादी के बाद वह पहली महिला राज्यपाल भी घोषित हुई। सरोजिनी नायडू एक मशहूर कवयित्री, महान स्वतंत्रता सेनानी और अपने दौर की महान वक्ता थी। उन्होंने अपना सारा जीवन राष्ट्र के नाम समर्पित कर दिया। ऐसी महान शख्सियत को हम नमन करते हैं।