झुंझुनू शहर की पीड़ा को उजागर करने के लिए दलगत भावना से ऊपर उठकर एक जाजम पर आए पार्षद
झुंझुनू नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं शहर की बिगड़े हालात को लेकर दिया सांकेतिक धरना
नगर परिषद से कलेक्ट्रेट तक पैदल कूच, मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
झुंझुनू, झुंझुनू नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं शहर की बिगड़े हालात को लेकर नगर परिषद के पार्षद दलगत भावना से उठकर आज एक जाजम पर बैठे। यह सभी पार्षद दलगत भावना से ऊपर उठकर एक जाजम पर बैठने के लिए क्यों विवश हुए इसका कारण पहले आपको बताते हैं। दरअसल झुंझुनू नगर परिषद क्षेत्र के बिगड़े हालात किसी से छुपे हुए नहीं हैं सड़कें गड्ढों के साथ अपना जीवन गुजर बसर करने को मजबूर हैं। शहरवासी बुरी तरह परेशान है। शहर के मुख्य सड़कों के साथ-साथ वार्डों में भी बड़ी समस्याएं हैं जिन की तरफ भी ध्यान नहीं जा रहा। समाचार पत्र स्केल के साथ सड़कों के गड्ढो के साइज की फोटो छापते छापते और नगर परिषद क्षेत्र की जनता की पीड़ा को उजागर करते हुए उकता चुके हैं लेकिन झुंझुनू नगर परिषद के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। वहीं जिला प्रशासन भी क्यों मौन मूक बैठा है यह बात भी अब परेशान करने लगी है। क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक आशीर्वाद नगर परिषद में बैठे लोगो को मिला हुआ जिसके चलते वे मीडिया में उजागर समाचार एवं आम जनता की आवाज को भी अनसुना कर रहे है। क्यों कि ऐसी स्वछंदता अकर्मण्यता बिना किसी राजनितिक सपोर्ट के लोकतंत्र में देखने को नहीं मिलती। खैर अब मुद्दे पर आते है, झुंझुनू नगर परिषद के मुख्य गेट के बाहर बड़ी संख्या में पार्षद जो पार्टीगत विचारधारा के कभी एक दूसरे के धुर विरोधी हुआ करते थे। उनको भी एक जाजम पर बैठना पड़ा क्योंकि उनको लगा कि आने वाले समय में जनता उनको वार्डों में नहीं घुसने देगी। लगभग 25 से अधिक पार्षदों या उनके प्रतिनिधियों ने झुंझुनू नगर परिषद के बाहर बैठकर सांकेतिक धरना देकर आम सभा की। आम सभा के बाद में पार्षदों ने जिला कलेक्ट्रेट के लिए पैदल ही कूच किया और मुख्यमंत्री के नाम शहर की समस्याओं से जुड़ा हुआ ज्ञापन अतिरिक्त जिला कलेक्टर को सौंपा। इससे पूर्व सभा को संबोधित करते हुए पूर्व सभापति खालिद हुसैन ने कहा कि नगर परिषद में पट्टे उन्हीं को मिलते हैं जो दक्षिणा देते हैं। नगर परिषद में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। पूर्व सभापति ने चेताया कि मांगे पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन धरना या जयपुर कूच किया जा सकता है। वही जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मुरारी सैनी ने कहा कि मुख्यमंत्री की योजनाओं को नगर परिषद ने निष्फल कर दिया है। इस चुने हुए नगर परिषद के बोर्ड ने जनता के सपनों को चकनाचूर कर दिया है। नगर परिषद आयुक्त के खिलाफ बड़े बड़े आरोप हैं। ढाई साल बीत जाने के बाद भी सड़कों के गड्ढे नहीं भरे गए हैं। भ्रष्टाचार की सारी हदें नगर परिषद ने पार कर दी हैं। वही पार्षद बुधराम सैनी ने आरोप लगाया कि सभापति के ससुर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं। नगर परिषद सभापति के रिश्तेदारों की आमदनी चौगुनी हो गई है। लेकिन ढाई साल में जनता की कोई सुनवाई नहीं हुई है। पार्षद संजय पारीक ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि आवासीय अनुमति के पट्टों पर काम्प्लेक्स तैयार किए जा रहे हैं। सरकारी राजस्व को चूना लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ पार्षद जो नहीं आए हैं वह डरे हुए हैं कि कहीं आगे उनकी टिकट नहीं कट जाए लेकिन वह भी नगर परिषद की कार्यशैली से पीड़ित हैं। पार्षदों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में 9 बिंदुओं में बहुत ही गंभीर मामले उठाए गए हैं। वहीं इस ज्ञापन की प्रति स्वायत्त शासन मंत्री, प्रमुख शासन सचिव, डायरेक्टर स्थानीय निकाय जयपुर, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भी भेजी गई है।