मकर संक्रांति पर रहा दान पुण्य का जोर
दांतारामगढ़, [प्रदीप सैनी ] परिंदों की मानिंद उड़ान भरती रंग-बिरंगी पतंगों से आच्छादित आसमां, घरों की छतों पर गूंजते फिल्मी गीतों के बीच उत्साह से लबरेज करता वो काटा-वो मारा का शोर और घेवर-फीणी-पकौड़ों की महक से सराबोर घर-आंगन।
दान पुण्य व पतंगबाजी के लुत्फ के पर्व मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का माहौल रहा। सुबह आठ बजे शुरू हुआ पतंगबाजी का सिलसिला देर शाम तक चला। हर घर की छतों पर पतंग उड़ाते युवाओं ने पर्व का जमकर लुत्फ उठाया। पर्व पर पतंगबाजी के लिए पूरा शहर छतों पर नजर आया। घरों में महिलाओं ने दान-पुण्य कर धर्म के प्रति आस्था जताई। सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं की ओर से गायों को गुड़ आदि खिलाया गया।
परंपराओं का निर्वहन कर घोली रिश्तों में मिठास
संबंधों को प्रगाढ़ कर रिश्तों में गुड़ सी मिठास घोलते पर्व मकर संक्रांति पर घरों में महिलाओं ने लोक परंपराओं का निर्वहन किया। अलसुबह लोकगीतों से गूंजते घर-आंगन में महिलाओं ने सास-ससुर को नींद से जगाकर घेवर व नेग दिया और आशीर्वाद लिया। जेठ, देवर, ननद-ननदोई आदि को घेवर देने सहित अन्य परंपराएं निभाई गई। सूती सेज जगाना, कुएं की पाल उतारना, देवर को घेवर देना, ससुर को गुड़ भेली देना, रूठी सास व ननद को मनाने का रिवाज घरों में चला। मकर संक्रांति के अवसर पर गौमाता की सेवा के लिए गोपाल गौशाला दांता में लोगों ने दान पुण्य किया एवं बीमार, दुर्घटनाग्रस्त, गायों के ईलाज के लिए ओम गौ सेवा केंद्र को दांता कस्बे के लोगों ने सहयोग राशि भेंट की।