फागण के रसिया व गिंदड के कलाकार अलग अलग स्वांग के साथ मुख्य स्थलों पर दी गिंदड की प्रस्तुति
लक्ष्मणगढ़, [राजेश राजू सैनी ] शेखावाटी की सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक घूघरी जो करीब नौ दशक से अबाध रूप से चौकान गिंदड चौक की ओर से होली के दिन शहर के मुख्य स्थलों पर आयोजित होने वाली घूघरी सोमवार को चौकान गिंदड स्थल से रवाना हुई जो मुख्य स्थान पर पहुंच कर गिंदड नृत्य की प्रस्तुति दी। इससे पूर्व चौकान ढप पर धमाल गाते नाचते हुए कलाकार रवाना हुए उनके अलग स्वांग रचे कलाकार भी साथ नजर आए। सूचना व जन सम्पर्क विभाग के सेवानिवृत्त अतिरिक्त निदेशक राजकुमार पारीक ने बताया कि सदाबहार मोहल्ला गिन्दड़ समिति की ओर से होली के दिन यहां यह आयोजन होता है। उन्होंने बताया कि शेखावाटी में यह अपने ढंग का एकमात्र आयोजन है। इसकी शुरुआत समाज में आपसी मेलजोल और भाईचारे की भावना को प्रबल करने के उद्देश्य से की गई थी। घूघरी नामक खाध्य पदार्थ भी उत्सव और मेल मिलाप की भावना को प्रतिबिंबित करता है। इसीलिए होली के इस जुलूस को घूघरी कहा जाता है।