बगड़, पीरामल गर्ल्स सी. सै. स्कूल अंग्रेजी माध्यम में ऑडिटोरियम में छात्रों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया। जयपुर से आए ट्रेनर्स मयंक व हर्ष ने बच्चों को बताया कि किस तरह से प्लेन व ड्रोन बनाए जाते व रिमोट कंट्रोल और ट्रांसमीटर के जरिए इन्हे उड़ाये जाते हैं। ट्रेनर मयंक ने बताया कि एयरो मॉडलिंग एक हॉबी है जिसमें छोटे व हाथ से बने प्लेन जिसको टॉय प्होन भी कहते है, हवा में गैस व बैट्री से हवा में 200 की किमी की रफ्तार से उड़ा सकते हैं। इसे रिमोट कंट्रोल व ट्रांसमीटर के जरिए कंट्रोल किया जाता है। उन्होंने प्लेन को करीब दस मिनट तक हवा में उडान भर कर कलाबाजियाँ करायी।
ट्रेनर मयंक ने यह भी बताया कि आने वाले समय में महिलाओं के लिए खास एयरो मॉडलिंग फिल्ड किस तरह उपयोगी रहेगी। कार्यक्रम में प्राचार्य कविता अग्रवाल ने बताया कि यह एक कौशल शिक्षा है जो किसी भी विद्यार्थी के लिए लाभांवित हो सकती है क्योंकि ये एक प्रायोगिक यानी की प्राक्टीकल लर्निंग है जिसे हमें सीख कर नहीं बल्कि कर के सीखना है। उन्होंने ये भी बताया कि आने वाला समय स्कील बेस्ड लर्निंग का ही है जिसमें बच्चे पढ़ाई के साथ साथ अपने हुनर को कि विकसित करें। कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारी रामेन्द्र यादव, हॉस्टल प्रभारी सत्येन्द्र सिंह राठौड़, हिन्दी मिडियम प्राचार्य उमा पुरोहित, स्पोट्र्स जोन के राकेश सैनी व समस्त स्टाफ गण मौजूद थे।