वर्षा आधारित उच्च उद्यानिकी पद्धति मॉडल तैयार करने के लिए किया गया है चयन
जिले के गिरते भू-जल स्तर को रोकने एवं जल का समुचित उपयोग करने के उद्देश्य से किया जाएगा शुरू
सीकर, जिले की नीमकाथाना, पाटन व अजीतगढ़ पंचायत समितियों में पायलट प्रोजेक्ट चलाकर जिले में गिरते भू-जल स्तर का संधारण किया जाएगा।
उप निदेशक उद्यानिकी हरदेव बाजिया ने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत वर्षा आधारित उच्च उद्यानिकी पद्धति के मॉडल विकसित किए जायेंगे। अटल भू-जल योजनान्तर्गत जिले की चयनित पंचायत समिति नीमकाथाना, पाटन व अजीतगढ़ में वर्षा आधारित उच्च उद्यानिकी पद्धति मॉडल तैयार करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयन किया गया है, जिसमें एक ही कृषक को 06 विभिन्न उद्यानिकी गतिविधियों जैसे प्लास्टिक लाईनिंग, फार्म पौण्ड, सौर उर्जा संयंत्र, सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र (मिनि स्प्रिंकलर / ड्रिप) प्लास्टिक मल्चिंग, लॉ- टनल, संरक्षित संरचना (ग्रीन हाउस / शेडनेट हाउस ) स्थापित करने का प्रावधान है। इन सभी गतिविधियों पर सांकेतिक लागत का 75 प्रतिशत राशि अनुदान स्वीकृत किया जावेगा ।
योजनान्तर्गत मॉडल स्थापना हेतु कृषक के नाम एक ही स्थान पर न्यूनतम 1 हैक्टेयर कृषि योग्य भू-स्वामित्व होना जरूरी है। इन गतिविधियों की स्थापना के लिए उद्यानिकी विभाग में चयनित क्षेत्र के योग्य व इच्छुक कृषकों द्वारा आवेदन किये जा सकते है । एक से अधिक आवेदन प्राप्त होने की स्थिति में कृषक का चयन लॉटरी आधार पर किया जावेगा। इस बारे में विस्तृत जानकारी क्षेत्रिय कृषि पर्यवेक्षक उद्यान या सहायक कृषि अधिकारी या कार्यालय उप निदेशक उद्यान सीकर से संपर्क कर प्राप्त कर सकते है।