दांतारामगढ़, [लिखा सिंह सैनी ] दांतारामगढ़ के विद्वान् गीता मनीषी लोकतंत्र सेनानी दीपचंद्र शर्मा को श्री कल्ला जी वैदिक विश्वविद्यालय ने वेदज्ञान सप्ताह में 13 सितम्बर को मुख्य वक्ता के रूप में आमन्त्रित किया है। राजस्थान के प्रतिष्ठित श्री कल्ला जी वैदिक विश्वविद्यालय एवं महर्षि सांदीपनी वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में 11 से 17 सितम्बर तक वेद ज्ञान सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 13 सितम्बर को मुख्य वक्ता के रूप में गीता मनीषी लोकतंत्र सेनानी दीपचंद्र शर्मा को वैदिक विज्ञान परम्परा के मूल तत्व एवं श्रीमद्भगवद्गीता विषय पर व्याख्यान देने हेतु आमंत्रित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि श्रीकृष्ण ने उज्जैन में संदीपनी ऋषि के सांनिध्य में रहकर ही चारों वेदों का अध्ययन किया था। चारों वेदों के अध्ययन का ही यह परिणाम था कि समय आने पर श्रीकृष्ण के मुखारविंद से वैदिक विज्ञान परम्परा के मूलतत्व ही गीता ज्ञान के रूप में प्रकट हुए । व्याख्यान स्थल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भादसोड़ा, सांवलिया सेठ मंडफिया जिला चित्तौड़गढ़ रखा गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि गीता मनीषी दीपचंद्र शर्मा संसार में एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें स्वयं को एवं सभी पुत्र पुत्रियों को श्रीमद्भगवद्गीता कंठस्थ है तथा इन्होंने अपने पुत्र पुत्रियों के साथ अग्रपीठाधीश डॉ राघवाचार्य वेदान्ती के आशीर्वाद एवं प्रेरणा से 2 अक्टूबर 1997 से अग्रपीठ रैवासा धाम से गीता के निष्काम कर्मयोग का संदेश देने के साथ साथ गीता के श्लोक कंठस्थ करवाने का अभियान प्रारम्भ किया जिसके अन्तर्गत अब तक देश विदेश में एक हजार से अधिक संस्थाओं में लगभग दस लाख लोगों को गीता के श्लोक कंठस्थ करवाये हैं। ये अपनी विशेष तकनीक से दस मिनट में ही श्लोक कंठस्थ करवा देते हैं।