भीषण गर्मी और लू के प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने जारी की एडवाजयरी,
जिला कलक्टर ने आमजन से किया अनुरोध-बेहतर स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता, एहतियात बरतें नागरिक
चूरू,जिले में गर्मी और लू के प्रकोप को देखते हुए आपदा प्रबंधन, सहायक एवं नागरिक सुरक्षा विभाग तथा जिला प्रशासन की ओर से आमजन को एहतियात बरतने की अपील के साथ एडवायजरी जारी की गई है। जिला कलक्टर पुष्पा सत्यानी ने बताया कि नागरिकों का बेहतर स्वास्थ्य न केवल स्वयं नागरिकों के लिए, अपितु शासन-प्रशासन के लिए भी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसे देखते हुए एडवाजयरी जारी की गई है। सभी लोगों को कोशिश करनी चाहिए कि आवश्यक उपाय कर गर्मी एवं लू के प्रकोप से बचें। उन्होंने बताया कि नागरिक मौसम की जानकारी के लिए समाचार पत्रा पढ़ते रहें, रेडियो सुनें, टीवी देखें या संबंधित मोबाइल एप डाउनलोड करें। अपने आप को हाईड्रेटेड रखने के लिए ओआरएस, घर के बने पेय जैसे लस्सी, नींबू का पानी, छाछ का आदि का सेवन करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। हल्के रंग के ढीले, सूती वस्त्र पहनें। यदि कहीं बाहर हैं तो तो अपना सिर ढकें। इसके लिए कपड़े, टोपी या छतरी का उपयोग करे। आंखों की सुरक्षा के लिए धूप के चश्मे का प्रयोग करें और त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन लगाएं। प्राथमिक चिकित्सा के लिए प्रशिक्षण लें।
कार्यस्थलों पर रखें विशेष ध्यान
उन्होंने नियोक्ता और श्रमिकों के लिए जारी एहतियात के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नियोक्ता कार्य स्थल पर ठंडे पेयजल का प्रबंध करें। सभी श्रमिकों के लिए आराम के लिए छाया, साफ पानी, छाछ, आइस पैक के साथ प्राथमिक चिकित्सा किट और ओआरएस का प्रबंध रखें। श्रमिकों को सीधी धूप से बचने के लिए कहें। श्रमसाध्य कार्यों को दिन के कम ताप वाले समय में ही करें। बाहरी गतिविधियों के दौरान विश्राम करने की आवृत्ति और सीमा समय बढ़ाएं। श्रमिकों को लू से संबधित चेतावनी के बारे में सूचित करें। जिन श्रमिकों के लिए गर्मी वाले क्षेत्रा नए हों, उन्हें हल्का काम और कम घंटों का काम दें।
बंद वाहनों में बच्चों को अकेला नहीं छोड़ें
उन्होंने बताया कि बंद वाहन में बच्चों या पालतू जानवरों को कभी अकेला ना छोड़ें। पंखें और नम कपड़ों का प्रयोग करें। ठंडे पानी में स्नान करें। सार्वजनिक परिवहन और कार-पूलिंग का उपयोग करें। यह भूमण्डलीय ऊष्मीकरण और गर्मी को कम करने में मदद करेगा। पेड लगायें। सूखी पत्तियों, अवशेषों और कचरे को न जलाएँ। जल स्रोतों का संरक्षण करें। वर्षा के जल को संचित करें। ऊर्जा कुशल उपकरणों, स्वच्छ ईधन और ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग करें। अगर आपको चक्कर आ रहे हैं या आप अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं तो तुरन्त डॉक्टर के पास जायें। अन्य कोई अस्वस्थ है तो उसेे तुरन्त डॉक्टर के पास जाने के लिए कहें।
नया घर बनाते समय रखें ध्यान
एडवायजरी में कहा गया है कि नया घर बनाते समय नियमित दीवारों की बजाय कैविटी तकनीक का उपयोग करें। चौड़ी दीवारें बनाएं, वे घर को ठंडा रखती हैं। जालीदार दीवारें और लोब वाले उद्घाटनों का निर्माण करें। वे अधिकतम वायु-प्रवाह कर गर्मी को अवरूद्ध करते हैं। दीवारों को रंगने के लिए प्राकृतिक सामग्री जैसे चूने या मिट्टी का उपयोग करें। यदि संभव हो तो कांच के इस्तेमाल से बचें। निर्माण करने से पहले बिल्डिंग टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ से सलाह लें।
मवेशियों को गर्मी से बचाएं
मवेशियों को गर्मी से बचाने के लिए उन्हें छाया में रखें और पीने के लिए पर्याप्त, स्वच्छ और ठंडा पानी दें। उनसे सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच काम न लें। शेड की छत को पुआल से ढक दें, तापमान कम करने के लिए इसे सफेद रंग या चूने से रंग दे या गोबर से लीप दें। लेड में पंखे, वाटर स्प्रे और फॉमर्स का प्रयोग करें। अत्यधिक गर्मी के दौरान, पानी का छिडकाव करें और मवेशियों को ठंडा करने के लिए एक जल निकाय पर ले जाएं। उन्हें हरी घास, प्रोटीन वसा बाईपास पूरक, खनिज मिश्रण और नमक दें। कम गर्मी वाले घंटों के दौरान उन्हें चरने दें।
धूप में जाने से बचें
एडवाजयरी में अनुरोध किया गया कि धूप में बाहर जाने से बचे, खासकर दोपहर 12 और 3 बजे के बीच। दोपहर में बाहर भारी कामों से बचें। नंगे पांव बाहर न जायें। दिन के सबसे गर्म समय के दौरान खाना पकाने से बचें। खाना पकाने वाले हिस्से को हवादार बनाए रखने के लिए दरवाजे और खिडकियां खुली रखें। शराब, चाय, कॉफी और कॉर्बोनेटेड शीतल पेय से बचें। ये शरीर को निर्जलित करते हैं। अधिक प्रोटीन वाले भोजन से बचें। बासा भोजन ना करें। पार्क किए गए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़ें, वे गर्म हवा से प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे बल्बों का उपयोग करने से बचें जो अनावश्यक गर्मी उत्पन्न करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे कि लगातार चलते हुए कम्प्यूटर या बिजली के उपकरण।
लू से प्रभावित व्यक्ति के उपचार के लिए टिप्स
एडवाजयरी में कहा गया है कि तापमान को कम करने के लिए पीड़ित के सिर पर गीले कपड़े का उपयोग करें, पानी डालें। व्यक्ति को ओआरएस, नींबू, शरबत या जो कुछ भी शरीर को पुनः सक्रिय करने के लिए उपयोगी हो, पीने के लिए दें। व्यक्ति को तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र ले जायें। यदि लगातार उच्च तापमान बना रहता है और सिरदर्द, चक्कर आना, कमजोरी, मतली या भटकाव आदि के लक्षण स्पष्ट महसूस हो तो ऐसी स्थिति में 100 नंबर पर कॉल करें।