झुंझुनू नगर परिषद हो रही है नाकाम साबित
झुंझुनू, झुंझुनू नगर परिषद क्षेत्र में यूं तो बहुत सारी समस्याएं हैं जो किसी से छुपी हुई नहीं है लेकिन शहरी निकाय का प्रमुख कार्य होता है निकाय क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर प्रभावी कार्रवाई करना लेकिन झुंझुनू नगर परिषद इस मामले में नाकाम ही साबित हो रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की झुंझुनू नगर परिषद क्षेत्र में बिना अनुमति के और अनुमति की शर्तो की धज्जियां उड़ाते हुए धड़ल्ले से निर्माण कार्य जारी है। इस मामले में झुंझुनू नगर परिषद के अधिकारियों को काफी बार अवगत करवाया जा चुका है जिसके चलते झुंझुनू नगर परिषद ने एक सर्वे टीम का गठन तो कर दिया है लेकिन यह कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। इस मामले को लेकर जब झुंझुनू नगर परिषद आयुक्त अनीता खीचड़ से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि झुंझुनू नगर परिषद में सर्वे के लिए टीम का गठन किया जा चुका है और बिना अनुमति के जो निर्माण कार्य चल रहे हैं उनमें अब तक 10 ऐसे भवनों की सूची आ चुकी है इनको नोटिस भिजवाए जा रहे हैं। नगर परिषद आयुक्त ने बताया कि पाबंद करने के बाद भी कोई भवन मालिक अपना कार्य जारी रखता है तो उसमें कोर्ट में चालान किया जा सकता है या फिर उसे भवन को सीज करने की कार्रवाई नगर परिषद कर सकती है। जब नगर परिषद आयुक्त से पूछा गया कि नोटिस देने के बाद भी निर्माण कार्य जारी रहता है तो आपके द्वारा क्या कार्रवाई की जाएगी तो उनका कहना था कि भवन को सीज करने की कार्रवाई नगर परिषद द्वारा की जाएगी।
वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि झुंझुनू नगर परिषद क्षेत्र में बिना अनुमति के धड़ल्ले से अवैध निर्माण कार्य जारी हैं और कुछ भवन मालिक तो नाम मात्र की अनुमति लेकर अनुमति के मानदंडों से बाहर जाकर अपना निर्माण कार्य करने में लगे हुए हैं लेकिन अनुमति देने वाली नगर परिषद का इस तरफ ध्यान नहीं जाता है। बानगी के लिए बात करे तो झुंझुनू शहर के रोड नंबर दो पर पुलिस कंट्रोल रूम के सामने और झुंझुनू जिला कलेक्टर के आवास से कुछ मीटर दूरी पर ही इसके साथ ही झुंझुनू नगर परिषद कार्यालय से भी कुछ मीटर दूरी पर ही ग्राउंड फ्लोर पर बिना अनुमति के चार मंजिला इमारत खड़ी कर दी गई है। नगर परिषद को अवगत करवाने पर सामने आया कि भवन के मालिक द्वारा नगर परिषद से किसी भी प्रकार की इसको लेकर अनुमति प्राप्त नहीं की गई है लेकिन इसके बावजूद भी झुंझुनू नगर परिषद भवन मालिक का काम रुकवाने में नाकाम साबित हुआ है। वही आपको बताते चले कि नगर पालिका अधिनियम की विभिन्न धाराओं में जिन शर्तो के साथ अनुमति प्रदान की जाती है भवन मालिक द्वारा इसमें उनका खुलेआम उल्लंघन किया गया है। यहां तक की भवन का छज्जा बाहर निकल गया है जिसके साथ बिजली के तारों की लाइने भी गुजर रही हैं जिसके चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
झुंझुनू नगर परिषद की इस कार्य शैली को देखकर लगता है कि झुंझुनू नगर परिषद अपनी आंखों पर पट्टी बांध कर धृतराष्ट्र बन बैठा है। जिसके चलते स्वतः तो यह अवैध निर्माण उनको दिखाई नहीं पड़ते और अवगत करवाने के उपरांत भी वह उनके खिलाफ कार्रवाई करने में ढिलाई बरत रहे हैं। इसको लेकर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं। हाल ही में जिले के प्रभारी सचिव डॉक्टर समित शर्मा झुंझुनू में विजिट करके गए हैं और अगले दौरा उन्होंने एक महीने बाद करने के लिए कहा है सूत्रों की माने तो इस बार झुंझुनू नगर परिषद की कार्य शैली को लेकर गाज पड़ने से इनकार नहीं किया जा सकता। वही झुंझुनू नगर परिषद ने पूरे शहर को हल्को में बांट रखा है और जिस क्षेत्र में कोई भी अवैध निर्माण बिना नगर परिषद की स्वीकृति के होता है तो संबंधित हल्का प्रभारी को खिलाफ इस मामले में कार्रवाई की जानी चाहिए न की नोटिस नोटिस खेल कर शहर में कुकरमुत्ते की तरह अवैध निर्माण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। सड़कों पर थड़ी लगाकर अपनी आजीविका चलाने वाले गरीब आदमी पर तो झुंझुनू नगर परिषद की कार्यवाही का डंडा बड़ी तेजी से चल जाता है लेकिन बड़े-बड़े भवनो के प्रभावशाली मालिकों पर कार्रवाई के नाम पर झुंझुनू नगर परिषद सुस्त ही दिखाई पड़ती है। शेखावाटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट झुंझुनू