झुंझुनूताजा खबर

आंगनबाडी केन्द्र होंगे रोशन, शौचालयों का भी होगा निर्माण

जिला कलेक्टर एवं सीईओ ने समझी पीडा

झुंझुनू, जिले के आंगनबाडी केन्द्र अब मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं रह सकेगे। जिले के कई आंगनबाडी केन्द्र ऎसे है जहां पर अभी तक ना तो बिजली की माकूल व्यवस्था थी और ना ही पानी की। शौचालय निर्माण भी इनके लिए कठिन कार्य था, जिसके कारण इनकी विकास की गति की रफ्तार धीमी पड रही थी। इस पीडा को महसूस किया जिले के मुख्यिा जिला कलेक्टर उमर दीन खान एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने। महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक विप्लव न्यौला ने बताया कि 14 मई को राष्ट्रीय पोषण मिशन के अन्तर्गत जिला अभिसरण कार्य योजना की त्रेमासिक बैठक जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में आंगनबाडी केन्द्रों की मूलभूत सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के दौरान जिला कलेक्टर एंव मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इसको गंभीरता से लिया और इसमें सुधार करने के निर्देश दिए। उसी की परिकल्पना के अनुरूप अब जिले के आंगनबाडी केन्द्र आने वाले समय में मॉडल केन्द्र के रूप में विकसित हो सकेंगे। जाट का मानना है कि आंगनबाडी केन्द्र ग्रामीण परिवेशन में शारीरिक, बौद्विक एवं सामाजिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने वाले केन्द्र है। इन पर मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण कही ना कही कुछ कमी रहने की आशंका रहती है। इसे दूर करने के लिए जिले में विशेष कार्य योजना तैयार कर इनके जीर्णोद्धार के कार्य करवायें जाएंगे। जाट ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण मिशन के अन्तर्गत अब जिले की समस्त आंगनबाडी केन्द्रों पर पेयजल, शौचालय तथा प्रकाश की व्यवस्था करवाई जाएगी। यह सभी कार्य संबंधित ग्राम पंचायतों के द्वारा उनके पास उपलब्ध फण्ड्स एवं स्त्रोतों से किये जाएंगे। यह आदेश जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने जारी किये है। सीईओ ने सभी विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अधीन समस्त ग्राम पंचायतों में आंगनबाडी केन्द्रों पर पेयजल, शौचालय एवं प्रकाश की समुचित व्यवस्था करवाना सुनिश्चित करेंगे। सीईओ ने दो आदेश जारी कर जिले की दुर्जनपुरा की आंगनबाडी केन्द्र में शौचालय निर्माण तथा भवन की मरम्मत एवं रंगरोगन के कार्य के लिए 1 लाख 70 हजार तथा दोरासर की आंगनबाडी केन्द्र की चारदीवारी, गेट, शौचालय की टंकी, कुण्ड की मरम्मत जैसे कार्यो के लिए 2 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की है। महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक विप्लव न्यौला ने बताया कि जिला परिषद के इस निर्णय के बाद जिले की किसी भी आंगनबाडी केन्द्रों पर मूलभूत सुविधाओं की कमी नहीं रहेगी।

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