केंद्रीय श्रम संगठनों एवं अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति संघर्ष समिति ने सौपे ज्ञापन
झुंझुनू जिला मुख्यालय पर आज केंद्रीय श्रम संगठनों व औद्योगिक फैडरेशनो की संयुक्त संघर्ष समिति ने नारेबाजी के साथ विरोध प्रदर्शन कर श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधनों के खिलाफ राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि केंद्र की भाजपा सरकार देश के ओधोगिक घरानो के इशारों पर देश की श्रम शक्ति के साथ घिनौना खेल शरू कर चुकी है। पहले ही मजदूरों स्तिथि ठीक नहीं है तथा श्रम कानून व श्रम मंत्रालय केवल घन्नासेठो की सेवा ही कर रहे है फिर भी सरकार एव औधोगिक घरानो में इनसे संतुष्ट नहीं होकर मजदूरों के शोषण के लिए नये-नये कानून लेकर आ रहे है तथा श्रम कानूनों में संशोधन कर मजदूरों के शोषण की खुली छूट औधोगिक घरानों को दे रहे है। उन्होंने वेतन संहिता अधिनियम को वापस लेने की मांग के साथ कार्यस्थल सुरक्षा, स्वास्थ्य व सेवा शर्तो की संहिता अधिनियम वापस लेने की मांग की। वही दूसरे मामले में अनुसूचित जाति एव अनुसूची जनजाति संघर्ष समिति ने दलित समाज पर हो रहे अत्याचारों पर प्रभावी कार्रवाई के लिए जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में बताया गया कि 6 माह से अनुसूचित जाति एव अनुसूचित जन जाति पर अत्याचार बहुत बढ़ गए है। खेतड़ी किशनपुरा बास में घर में घुसकर दबंगो के द्वारा मारपीट व् जानलेवा हमला किया गया । गांव निजामपुरा ओजटू में निकेश मेघवाल हत्या प्रकरण और सविता मेघवाल श्यालु अपहरण व् दुष्कर्म और बुहाना गांव सांगा में पूनम के साथ मानसिक उत्पीड़न व् आत्महत्या के लिए मजबूर करना साथ ही एक हत्या का नया प्रकरण सामने आया है श्रवण कुमार उर्फ अंकित पुत्र सही राम जाति मेघवाल निवासी राठियो की ढाणी। अभी तक कोई भी प्रभावी कार्यवाही नहीं की गयी है। संघर्ष समिति के जयलाल सिंह के नेतृत्व में यह ज्ञापन जिला पुलिस अधीक्षक को सौंप कर कर प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की गई।