2 दिसंबर को फौजी अखिलेश की हत्या के बाद फौजी के परिवार वालों को इंसाफ नहीं मिलने को लेकर 21 जनवरी से फौजी अखिलेश के परिजन धरने पर बैठे थे और उसी धरने के चलते 4 दिन पहले मृतक फौजी अखिलेश के बड़े भाई फौजी संदीप की भी एक्सीडेंट में मौत हो गई जबकि कई चश्मदीद गवाह और परिजनों ने आरोप लगाया कि फौजी संदीप का पीछा करके और फौजी अखिलेश को मारने वाले लोगों ने ही उसके ऊपर 2 बार गाड़ी से टक्कर मारकर उसकी हत्या की है। काफी संघर्ष के बाद आज परिजनों ने फौजी संदीप के दाह संस्कार करने का फैसला किया है जी हां फौजी अखिलेश और फौजी संदीप दोनों ही सगे भाई थे और सूरजगढ़ के शाहपुरा गांव के पास 2 दिसंबर को फौजी अखिलेश की कुछ लोगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी और चार दिन पहले फौजी संदीप की एक्सीडेंट की मौत हो गई। जिसको लेकर परिजन ने कल कलेक्ट्रेट के दरवाजे के ऊपर धरना प्रदर्शन भी कर रहे थे और लगभग 3 घंटे कलेक्ट्रेट के दरवाजे भी गांव के सैकड़ों लोगों ने बंद करवाएं। वही सांसद संतोष अहलावत ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से फौजी भाइयों को इंसाफ दिलाने की मांग भी की। आखिरकार देर रात को पुलिस प्रशासन ने परिजनों की मांगों को मानते हुए उन्हें इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया। गौरतलब है कि दोनों फौजी भाइयों की हत्या को लेकर परिजनों ने पहले 2 दिसंबर को अखिलेश की हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था जिसको सूरजगढ़ थाना अधिकारी कमलेश चौधरी ने एक्सीडेंट करार दे दिया था और उसी को लेकर गांव वाले धरना प्रदर्शन कर रहे थे आज गांव के लोगों की मांगे मानने पर फौजी संदीप के परिजनों ने शव को लेकर दाह संस्कार करने की सहमति जताई है।