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आपराधिक मामलों की घोषणा करवानी होगीे प्रकाशित-प्रसारित

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा आमचुनाव के तहत अभ्यर्थियों के आपराधिक मामलों के ब्यौरे उपलब्ध करवाने के प्रावधानों के संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार यादव ने बताया कि विधानसभा निर्वाचन में ऎसे अभ्यर्थी, जिनके विरूद्ध आपराधिक मामले या तो लंबित हैं या ऎसे मामले जिनमें दोषसिद्धि हो गई है, उन मामलों में उन्हें निर्वाचन क्षेत्र में व्यापक वितरण वाले समाचार पत्रों में घोषणा प्रकाशित करानी होगी। यह घोषणा फॉर्मेट सी-1 में, अभ्यर्थिताएं वापस लेने की अंतिम तारीख से लेकर मतदान होने की तारीख से दो दिन पहले तक कम से कम 3 अलग-अलग तारीखों में प्रकाशित की जानी होगी। यह सामग्री समाचार पत्रों में कम से कम 12 फोंट आकार में और उचित स्थान पर प्रकाशित करनी होगी। इसके साथ ही उपर्युक्त अवधि के दौरान 3 अलग-अलग तारीखों को टीवी चैनलों पर भी यह घोषणा प्रसारित करनी होगी व इसे मतदान सम्पन्न होने के लिए निर्धारित समय समाप्त होने से 48 घंटे पहले पूरा कर लिया जाना होगा। अभ्यर्थियों द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी को अपने निर्वाचन व्यय लेखा के साथ उन समाचार पत्रों की प्रतियां जमा करवानी हाेंगी, जिनमें इस संबंध में उनकी घोषणा प्रकाशित की गई थी।
यादव ने बताया कि आपराधिक मामलों वाले ऎसे अभ्यर्थियों के मामले में, जो राजनैतिक दलों द्वारा खड़े किए गए हों, चाहे वे मान्यता प्राप्त दल या पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दल हों, ऎसे अभ्यर्थियों को रिटर्निंग अधिकारियों के समक्ष यह घोषित करना होगा कि उन्होंने अपने राजनैतिक दल को अपने खिलाफ आपराधिक मामलों के बारे में सूचित कर दिया है। आपराधिक मामले चाहे वे लम्बित हों या पूर्व में दोषसिद्ध हो गए हों, से जुड़े अभ्यर्थियों को खड़ा करने वाले मान्यता प्राप्त और पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को इस संबंध में अपनी वेबसाईट के साथ-साथ टीवी चैनलों में तथा संबंधित राज्यों में व्यापक सर्कुलेशन वाले समाचार पत्रों में विवरण देते हुए 3 अलग-अलग तारीखों को घोषणा प्रकाशित करानी होगी।

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