चूरू, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष बलजीतसिंह के निर्देशानुसार गुरुवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव प्रमोद बंसल ने अस्पृश्यता से मुक्ति और अत्याचारों की रोकथाम अभियान के तहत राजकीय महाविद्यालय स्तरीय कन्या छात्रावास का निरीक्षण किया। इस दौरान विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
सचिव बंसल ने छात्रावास में निवासरत बालिकाओं को दी जाने वाली प्रत्येक व्यवस्था के बारे में गहनता से जानकारी लेते हुए भोजन, रहने, पहने के कपड़े, पुस्तकों, चिकित्सा, छात्रवृत्ति, भवन, सुरक्षा के बारे में जानकारी ली गई तथा आवश्यक निर्देश प्रदान किये गये। विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन करते हुए बताया गया कि निर्देशानुसार वर्षभर अस्पृश्यता से मुक्ति और अत्याचारों की रोकथाम हेतु अभियान का संचालन किया जा रहा है जिसके अंतर्गत दलित बच्चों के लिए स्थापित छात्रावास एवं आवासीय विद्यालय का निरीक्षण भी किया जाना है तथा आम लोगों तक छुआछूत से दूर हटकर आपसी सामंजस्य और एकता हेतु जागरुकता उत्पन्न की जायेगी।
सचिव द्वारा दलित व्यक्तियों को केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के अन्तर्गत दिये जाने वाले लाभों के बारे में बताया गया तथा एससी-एसटी के लिए बने विशेष कानूनों की जानकारी दी गई। इस कैटेगरी के बालकों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति एवं विभिन्न प्रकार के आरक्षणों पर भी प्रकाश डाला गया। यह भी बताया गया कि उक्त अभियान का उदे्श्य दलित पुरुषों एवं महिलाओं की न्याय तक पहुंच बढ़ाना और भेदभाव को शून्य किया जाना, एससी-एसटी हेतु बने विशेष कानूनों के संबंध में जागरुकता उत्पन्न करना, विधिक सहायता उपलब्ध करवाना, दलित अस्पृश्यता का उन्मूलन, कानूनी सहायता क्लिनिक, राजस्थान राज्य में जाति आधारित भेदभाव, छुआछूत और अत्याचारों को खत्म करने के लिए विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच संवाद शुरू करना, स्कूली शिक्षा में हो रहे भेदभाव को मिटाना, भूमि अधिकारों का संरक्षण और संवद्र्धन (एससी/एसटी की भूमि अन्य व्यक्ति को नहीं बेची जा सकती), एससी-एसटी समुदाय के सदस्यों की पैतृक एवं स्व-अर्जित संपति से अतिक्रमियों को बाहर निकालने के लिए विशेष अभियान इत्यादि हैं। उन्होंने बताया कि अत्याचार से पीड़ित अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्तियों को कानूनी सहायता प्रदान करना तथा पीड़ित मुआवजा योजना या एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत बनाई गई अन्य योजनाओं के तहत मुआवजा राशि के बारे में भी विस्तार से बताया गया। इस वर्ग के भूमिहीन व्यक्तियों को शासकीय भूमि आवंटन के बारे में भी विस्तार से बताया गया तथा इस वर्ग के मजदूर लोगों को जल्द से जल्द लाभ उपलब्ध कराने के लिए ई-श्रम कार्ड, श्रमिकों के लिए बीमा पॉलिसियां, कामगार मुआवजा लाभ, सिलिकोसिस के पीड़ितों को नीतिगत लाभ एवं इस वर्ग के 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को सरकारी, निजी विद्यालयों में प्रवेश तथा छात्रावासों में निःशुल्क भोजन एवं आवास उपलब्ध करवाने हेतु जागरुकता उत्पन्न की जानी है। इसी प्रकार इस वर्ग के व्यक्तियों के साथ होने वाले विभिन्न प्रकार के अत्याचारों को जड़ से मिटाने हेतु प्रयास किये जाने हैं। इस अभियान के तहत लोगों को साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों के निवारण और साइबर अपराध के संबंध में कानूनी उपचार उपलब्ध करवाने तथा इस वर्ग के समुदाय के सदस्यों की प्रत्येक समस्या के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर समाधान हेतु प्रयत्न किये जायेंगे।
सखी सेन्टर का निरीक्षण कर दी गई कानूनी जानकारी
गुरुवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव प्रमोद बंसल द्वारा सखी सेन्टर (वन स्टॉप सेन्टर) का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान सेन्टर पर पीड़ित महिलाओं के लिए उपलब्ध व्यवस्थाओं की जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश प्रदान किये गये तथा महिलाओं को दी जाने वाली विधिक सहायता, पुलिस सहायता, पैनल अधिवक्ता एवं उनके रहने से संबंधित व्यवस्थाओं के बारे में भी निर्देश प्रदान किये गये।