चुरूताजा खबर

दवा और उपचार के साथ-साथ पशुपालकों की जागरुकता बेहद जरूरी

लंपी रोग से जागरुकता के लिए प्रचार वाहन रवाना, ग्रामीण क्षेत्रों में होगा प्रचार-प्रसार

चूरू, मवेशियों में फैल रहे लंपी रोग से बचाव एवं नियंत्रण की दिशा में आमजन की जागरुकता के लिए सोमवार को जिला प्रशासन तथा सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय की ओर से प्रचार वाहन रवाना किए गए। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ अशोक शर्मा, कृषि उपनिदेशक डॉ दीपक कपिला, जिला गौशाला प्रभारी डॉ निरंजन चिरानियां एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक कुमार अजय ने प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक कुमार अजय ने बताया कि विभाग के निर्देशानुसार प्रभावित क्षेत्र में जागरुकता गतिविधियां की जा रही हैं। विभिन्न माध्यमों से पशुपालकों को जागरुक किया जा रहा है। प्रचार वाहन विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को जागरुक करेंगे और जागरुकता पैंफलेट वितरित करेंगे। इस मौके पर पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ अशोक शर्मा ने कहा कि दवा एवं उपचार के साथ-साथ पशुपालकों में जागरुकता भी बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिले में लंपी से बचाव, उपचार के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं और स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने पशुपालकों से अनुरोध किया है कि पशुओं में रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखाई देने पर रोगी पशुओं को अन्य स्वस्थ पशुओं से अलग करें। रोगी पशुओं के उपचार के लिए नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करें। पशु बाड़े में कीटनाशक दवा का छिड़काव करें। मृत पशु के शव का निस्तारण वैज्ञानिक विधि से ही करें। इसके लिए 1.5 मीटर की गहराई की गड्ढा खोदकर मृत पशु के शव पर चूना व नमक डालकर दफना दें। पशु बाड़े में नियमित रूप से साफ-सफाई एवं हवा व रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था रखें। उन्होंने कहा कि संक्रमित क्षेत्रों में गोट पॉक्स का टीका नहीं लगवाएं। रोगी पशुओं को खिलाने-पिलाने के बाद बचे हुए चारा-दाना व पानी को अन्य स्वस्थ पशुओं को नहीं खिलाएं-पिलाएं। स्वस्थ एवं रोगी पशुओं को चारा-दाना एवं पानी साथ-साथ न दें। स्वस्थ पशुओं से पहले रोगी पशुओं के दैनिक कार्य न करें। रोग प्रकोप के दौरान पशुओं का क्रय-विक्रय नहीं करें। पशु बाड़े में पशुओं के गोबर व मूत्र को एकत्रित नहीं रखें। उन्होंने कहा कि पशु को तेज बुखार, त्वचा में सूजन व मोटी-मोटी गांठें, चारा खाने में परेशानी, कमजोरी व दूध उत्पादन में कमी इस रोग के लक्षण हैं। लक्षण सामने आने पर लापरवाही नहीं बरतें।इस दौरान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के जसवंत सिंह, विक्रम सिंह, रामचंद्र गोयल, बजरंग मीणा, संजय गोयल, विजय रक्षक, आदि मौजूद थे।

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