सरस्वती, सरस्वती में समा गई – क्षितिज कुमार
दांतारामगढ़, ( लिखा सिंह सैनी) ‘भारत रत्न’ स्वर कोकिला लता मंगेशकर का रविवार सुबह निधन हो गया है। लता मंगेशकर पिछले कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थीं । एक लंबे संघर्ष के बाद लता मंगेशकर ने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। लता मंगेशकर के निधन पर क्षितिज कुमार ,वासुदेव सिंह ,अतुल भाद्ववाज, लोकेश सैनी,नेंसी सिंह ,प्रदीप शेखावत आदि कलाकारों ने शोक जताया । लता मंगेशकर को देशभर में जगह ,जगह श्रद्धांजलि दी गई । दांता निवासी फिल्म अभिनेता क्षितिज कुमार ने बताया की सुरों की साम्राज्ञी लता दीदी को मैने सरस्वती ही माना है मन दुखी है आज संगीत शांत है, खाना भी नही खा पा रहा हूं जबकि जानता हूं कि वो अजर अमर हैं सरस्वती, सरस्वती में समा गई ।युवा गायक कलाकार मनिषा सैनी ने बताया की दुनिया मैं जो आया है वो एक दिन जाएगा,लेकिन लता मां सब से अलग थी,
उनका शरीर भले ही हमें छोडकर चला गया है, लेकिन आज भी हमारे दिल में है, उनका संगीत उनकी आत्मा जिंदा है,
वो हमारे साथ है बिलकुल वैसे ही जैसे वो अभी भी सांस ले रही है, लता मां हर संगीत कलाकारों में हमेशा जिंदा रहेगी। युवा कलाकार वृद्धि सैनी ने बताया की लता दीदी अपनी सुरीली आवाज से पूरी दुनिया को अद्भुत खुशी प्रदान करने वाली लता दीदी ने अनेक दशकों तक संगीत की अनमोल दुनिया मे अपना योगदान दिया व संगीत को घर घर तक पहुंचाया । उनका जीवन युवा संगीतकारों के लिए प्रेरणादायक रहा है मैंने भी अपने जीवन में सदैव उनसे संगीत की प्रेरणा ली । लता
दीदी का योगदान अमूल्य व सदैव यादगार रहेगा ।
ऐसी महान आत्मा को कोटि कोटि नमन:।