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एशिया प्रसिद्ध है ताल सेंचुरी, वन्यजीव गणना हुई पूरी

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हरिणों के कुनबे में हुई बढ़ोतरी, लगभग 5000 काले हरिण है सेंचुरी में

चूरू, [सुभाष प्रजापत ] जिले का ताल छापर काले हरिणों के लिये प्रसिद्ध है, जो कि ब्लैक बक्स सेंचुरी के नाम से प्रसिद्ध है,जहां बुद्ध पूर्णिमा पर हर साल वन्यजीवों की गणना होती है।क्षेत्रीय वन अधिकारी उमेश बागोतिया ने बताया कि करीबन 700 हेक्टेयर में फैली सेंचुरी को चार भागों में विभाजित किया गया व इसके लिये अलग अलग टीम गठित की गई। इसके लिये तेरह जगहों को चिन्हित कर वाटर हाल पद्धति से वन्यजीवों की गणना की गई।इसके अलावा कैमरा ट्रेप से भी पहली बार गणना की गई है।बागोतिया ने बताया कि गत वर्ष गणना नही हो पाई थी,लेकिन इस बार हरिणों की संख्या में इजाफा हुआ है।उन्होंने बताया कि इस बार 5000 के लगभग हरिण सेंचुरी में है साथ ही रेतीले स्थानों पर रहने वाले सांडा का भी कुनबा बड़ा है।उन्होंने यह भी बताया कि हरिण सहित सियार,गीदड़,जंगली बिल्ली,लोमड़ी,मरु लोमड़ी,नीलगाय,चिंकारा,जंगली सूअर, सहित मोर की भी गणना की गई है।आपको बता दें कि तालछापर की सेंचुरी जो कि काले हरिणों की प्रजाति के लिये जानी जाती है, साथ ही यहाँ पर सर्दियों में देश विदेश से विभिन्न प्रकार के पक्षी यहां आते हैं जिनमें कुरजा विशेष रूप से यहां आती है।

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