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आपदा प्रबंधन की समीक्षा : किसी भी आपात स्थिति के लिए सतत सजगता जरूरी – जिला प्रशासन

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नीमकाथाना, जिला प्रशासन किसी भी आपदा की स्थिति में स्थानीय आबादी के जान-माल की सुरक्षा और बचाव के लिए हर स्तर पर सजग रहकर कार्य करेगा। नीमकाथाना में आपदा प्रबंधन की स्थिति की समीक्षा बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने इसके लिए सतत कार्यशील रहने की प्रतिबद्धता दोहराई। कलक्टर शरद मेहरा के निर्देश पर गुरुवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर अनिल कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक का फोकस आगामी दिनों में मानसून के सीजन में संभावित बारिश के मौसम के दौरान बाढ़ और अतिवृष्टि की स्थिति से निपटने पर रहा। कुमार ने विभागों के अधिकारियों से आपदा प्रबंधन से सम्बंधित सभी जरूरी जानकारियां एवं संसाधन जुटाने और उनको सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए।

अतिरिक्त कलक्टर ने जिले में गत वर्षों में बाढ़ अथवा अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति एवं निचाई वाले इलाकों की जानकारी के साथ-साथ इन इलाकों के आस-पास सुरक्षित स्थानो को चिन्हित करने पर बल दिया। इसके लिए उपखण्ड अधिकारी स्थानीय स्तर पर बैठक आयोजित कर अपने इलाकों में निचले स्थानों और सुरक्षित स्थानों का चिन्हीकरण करेंगे। प्रभावित व्यक्तियों को ऊंचे क्षेत्रो मे अस्थायी रूप से रहने के लिए धर्मशाला, सार्वजनिक स्थल आदि को चिन्हित करें। साथ ही, स्थानीय निकाय, पचायत समिति एवं ग्राम पंचायत आदि के साथ चर्चा कर उपखण्ड स्तरीय आपदा प्रबन्धन योजना तैयार करें, जिसे 15 जून तक जिला कार्यालय में भेजना सुनिश्चित करें।

बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद निम्न कार्यशील बिन्दुओं बारे में आवश्यक निर्देश दिए गए, सिचांई विभाग जिले में सभी बांधों का सर्वे करवा कर । इन पर 24*7 चौकीदार तैनात किए जाएंगे।

जलदाय विभाग
मानसून के मद्देनजर स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए हर परिस्थिति से निपटने की पूरी तैयारी करेगा। 15 जून से वर्षाकाल के लिए एक नियन्त्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में नाली एवं नालों से होकर गुजरने वाली एवं पेयजल पाइपलाइनों पूर्ण निगरानी रखी जाएगी. पाइपलाइन में लीकेज अथवा टूटने की सूचना पर तत्काल ठीक कराना सुनिश्चित किया जाएगा और अतिरिक्त आपूर्ति के लिए विकल्प की व्यवस्था राखी जाएगी. पुराने कुएं तथा बोरवेल को बन्द करने (ढकने) की व्यवस्था यथासमय पूरी की जाएगी।

पेयजल स्रोतों मे समय-समय पर आवश्यकतानुसार क्लोरिनेशन किया जाए। बाढ प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल शुद्ध पेयजल सप्लाई हेतु पानी के टेंकरों की दरे निर्धारित की जाएं। विभाग के पास उपलब्ध पम्पसेटों की संख्या और क्षमता का आकलन कर सूचना जिला कार्यालय को भेजी जाए। निजी क्षेत्र के पम्पसेट मालिकों से सेट किराये पर लेने के लिए दर निर्धारित कर ली जाएं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर पम्पसेट तत्काल उपलब्ध हो सकें।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग (रसद विभाग)
वर्षाकाल में कन्ट्रोल रूम स्थापित करें। अतिवृष्टि अथवा बाढ की स्थिति में आम लोगों को पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जिले की सभी उचित मूल्य की दुकानों पर पर्याप्त मात्रा मे गेहूं एवं अन्य खाद्य सामग्री आदि के साथ-साथ चीनी, रसाई गैस, पीने के पानी की बोतलें, पेट्रोल, डीजल, लुब्रीकेटिंग आयल आदि रिजर्व में रखा जाए, ताकि किसी भी जरूरत के समय सुगमता से उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग
नीमकाथाना में मानसून के दौरान वर्षाजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। मलेरिया, उल्टी, दस्त इत्यादि बीमारियों की आशंका के मद्देनजर इलाज के लिए पर्याप्त दवा उपलब्ध होंगी. सभी अस्पताल एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में जीवन रक्षक दवाओं का स्टॉक सुनिश्चित रहेगा। जिले भर में मोबाइल चिकित्सा यूनिटों के गठन के लिए डॉक्टर, कम्पाउन्डर वैन एवं दवाओं की सूचियां तैयार की जाएंगी। दूषित जल से बचाव के लिए क्लोरिन की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाएगी। मौसमी बीमारियों से बचाव के सम्बन्ध में दवाओं के छिडकाव अथवा फोगिंग के लिए मशीनों का चालू हालत में होना सुनिश्चित किया जाएगा।

पुलिस विभाग
बाढ़ एवं अतिवृष्टि के समय आवश्यकता पड़ने पर होमगार्ड पुलिस तथा आरएसी की समुचित व्यवस्था की जाएगी। पंचायत समिति स्तर पर गोताखोरों की दूरभाष नम्बरों सहित सूची तैयार रखी जाएगी, ताकि आवश्यकता पर संपर्क किया जा सके। पुलिस जवानों सहित चिन्हित गोताखोर अथवा तैराक को आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण दिलवाया जाए। पर्याप्त जीवन रक्षक यंत्रों जैसे जैकिट, रस्से, टॉर्च, संचार तंत्र इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कन्टीजेन्सी प्लान तैयार कर जिला कार्यालय को भिजवाया जाए। गत वर्षों में एसडीआरएफ मद से उपलब्ध उपकरणों तथा पुलिस विभाग के पास अन्य मद से प्राप्त आपदा प्रबंधन से सम्बन्धित उपकरणों की सूची तैयार कर जिला कार्यालय को भी भिजवाया जाए।

विद्युत विभाग
नीमकाथाना जिले में वर्षा के मौसम में लाइन फाल्ट की शिकायत प्राप्त होने पर समस्या समाधान के लिए अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की ओर से वाहन तैनात करेगा। वर्षाकाल मे नियन्त्रण कक्ष स्थापित कर वर्षा, अतिवृष्टि एवं बाढ़ के समय बिजली की लाइन क्षतिग्रस्त होने पर मरम्मत के लिए आवश्यक सामग्री, वाहन एवं पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाएगा।

पशुपालन विभाग
किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए सभी चिकित्सालयों पर जरूरी दवाओं का स्टॉक उपलब्ध रहे। अतिवृष्टि के दौरान पशुओं को होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण और इलाज के लिए मोबाइल टीमों का गठन समय पूर्व किया जाए। मृत पशुओं का सुरक्षित निस्तारण करने का स्थान एवं कार्ययोजना तैयार की जाए।

सार्वजनिक निर्माण विभाग
ऐसे सार्वजनिक भवनो की पहचान करेगा, जो वर्षाकाल में गिर सकते हैं। तब इनकी मरम्मत और अनुपयुक्त पाये जाने पर उनको गिराने की प्रक्रिया की जाये। इसी प्रकार, जर्जर अवस्था में मौजूद पानी की टंकियों को चिन्हित कर अनुपयुक्त पाए जाने पर उन्हे गिराना सुनिश्चित किया जाए। पुलिया और नाले-नालियों में सड़क के ऊपर से पानी बहने के स्थानों पर संकेतक चिन्ह लगाए जाएं। संभावित खतरे वाले रपटे, पुलिया पर लोहे की जंजीर की व्यवस्था की जाए। किसी भी जगह सड़क टूटने की सूचना मिलने पर तत्काल मरम्मत की जाए, ताकि किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। मिट्टी के कट्टे भरकर तैयार रखे जाएं, ताकि जरूरत पड़ने पर उनका पानी के कटाव के स्थानों पर तुरन्त उपयोग किया जा सके। बाढ़ अथवा अतिवृष्टि से जो सड़क, बांध, क्षतिग्रस्त होते हैं, उनका प्रमाणीकरण आपदा प्रबन्धन सहायता समिति से करवा कर 15 दिवस मे प्रस्ताव जिला कार्यालय को भिजवाएं, ताकि इनकी मरम्मत करवाई जा सके।

खनन विभाग
जिले के विभिन्न क्षेत्र में की बन्द पड़ी खदानों के चारों तरफ पिलर लगाकर पुताई करवाएं तथा खदानों के चारों तरफ तारबन्दी भी करवाएं,
अतिरिक्त कलक्टर श्री कुमार ने निर्देश दिए कि सभी विभाग मानसून के दौरान में अत्यधिक वर्षा से उत्पन्न परिस्थितियों में किसी भी दुर्घटना से बचाव हेतु क्या करें एवं क्या नही करें से सम्बंधित जानकारी दैनिक सामचार-पत्रों के माध्यम से प्रसारित करवाकर आमजन को जागरूक करें।

बैठक में राजवीर यादव एसडीएम नीमकाथाना, मोनिका सामोर एसडीएम उदयपुरवाटी, अनिल कुमार एसडीएम श्रीमाधोपुर, सविता शर्मा एसडीएम खेतडी, जिला शिक्षा अधिकारी राधेश्याम योगी, रामचन्द्र सैनी बीडीओ पाटन, सीआर मीणा बीडीओ अजीतगढ, जलदाय विभाग के दलीप तारंग, जेपी सामरिया, सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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