आश्रम के पीठाधीश्वर बैजनाथ जी महाराज का लिया आशीर्वाद शाल श्रीफल व मुख्यमंत्री का लिखित संदेश भेंट कर किया स्वागत
लक्ष्मणगढ़, [बाबूलाल सैनी ] प्रदेश सरकार में नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबरसिंह खर्रा रविवार को लक्ष्मणगढ़ आये। उन्होंने यहां नाथ संप्रदाय की सिद्धपीठ श्रद्धानाथजी आश्रम में गुरू पूर्णिमा समारोह में शिरकत कर समाधि पर धोक लगाकर मंगलकामना की । कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में खर्रा ने कहा कि समाज के सामने आज जो अराजकता की स्थिति तथा चारित्रिक पतन देखने को मिल रहा है, उसका बड़ा कारण यह है कि सत लोगों से अच्छी शिक्षा व संस्कार ग्रहण करने चाहिए, उसकी कमी हो रही है। उन्होंने किशोरों व युवाओं से आह्वान किया कि परिस्थितियों को समझते हुए आगे का जीवन सुखमय बनाने के लिए अच्छे गुणों तथा संस्कारों का चयन करें। प्रदेश में गत सरकार के समय किये गये वार्डों के पुनर्गठन मामले को लेकर खर्रा ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार एक राज्य एक चुनाव के फॉर्मूले पर काम कर रही है, इसी के अंतर्गत सीमा विस्तार, पुनर्गठन तथा पुनर्सीमांकन के काम भी शामिल है। भारतीय संस्कृति में गुरू के महत्व के बारे में बताने के साथ ही खर्रा ने कहा कि सरकार भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने का काम कर रही है और इसी के तहत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से गुरु पूर्णिमा पर्व पर संतो के सम्मान से संबंधित अभियान चलाया गया है।
स्वायत्त शासन मंत्री खर्रा ने श्रद्धानाथजी आश्रम में आयोजित गुरू पूर्णिमा महोत्सव में हिस्सा लिया। खर्रा ने ब्रह्मलीन सिद्धसंत श्रद्धानाथ महाराज की समाधि पर धोक लगायी। उन्होंने आश्रम के पीठाधीश बैजनाथ महाराज का शॉल, श्रीफल तथा मुख्यमंत्री का लिखा हुआ संदेश भेंटकर सम्मान भी किया। खर्रा ने महाराज से आशीर्वाद लिया तथा सरकार की ओर से युवाओं व देवस्थान विभाग को लेकर चलाई जा रही योजनाओं पर चर्चा की। इससे पहले आश्रम परिवार की ओर से युवा संत प्रकाशनाथ महाराज ने खर्रा का स्वागत किया। इससे पहले खर्रा ने श्रद्धानाथ जी महाराज की समाधि पर धोक लगाई व आशीर्वाद लिया। गुरू पूर्णिमा महोत्सव पर श्रद्धानाथजी आश्रम परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने जाकर ब्रह्मलीन सिद्धसंत श्रद्धानाथ महाराज की समाधि पर धोक लगायी तथा प्रसाद ग्रहण किया। समारोह में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आश्रम के युवा संत प्रकाशनाथ महाराज ने व्यक्तित्व के निर्माण तथा जीवन के लक्ष्यों की प्राप्ति में गुरू का महत्व बताया।