पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत लिंग जांच में चौथी बार पकड़े गए आरोपी रविसिंह से तीसरे दिन की पूछताछ में सामने आया कि झुंझुनूं जिले के करीब 5 दर्जन से अधिक एएनएम उनके एजेंट के रूप में काम करती थी तथा इनके अलावा सरकारी व निजी अस्पतालों के अन्य कार्मिक भी जुड़े हुए थे। रविसिंह ने बताया कि लिंग जांच में पकड़े गए आरोपी मुकुंदगढ़ निवासी रामावतार डूडी को लिंग जांच करने का कार्य भी उसी के द्वारा सिखाया गया था। साथ ही डूडी को वह नेपाल से अवैध पोर्टेबल सोनाग्राफी मशीन भी दिलवाकर लाया था। पुछताछ में रविसिंह ने जिले में अवैध पोर्टेबल सोनाग्राफी मशीनों से लिंग जांच करने वाले आधा दर्जन लोगों के नाम भी बताये। रविसिंह ने कहा कि जिले में अवैध सोनाग्राफी मशीनों से लिंग जांच करने वाले अधिकत्तर उसी के चेले है तथा सभी को मशीने भी दिला कर लाने का काम भी उनके द्वारा किया गया था। रविसिंह ने बताया कि अलग-अलग जगह अवैध पोर्टेबल सोनाग्राफी मशीन होने से उन्हें स्वयं को मशीन लेकर नहीं जाना होता था, बल्कि जिस क्षेत्र की गर्भवती महिला लिंग जांच करवाने के लिए मिलती थी, उसी क्षेत्र की अवैध पोर्टेबल सोनाग्राफी मशीन काम में लिया जाता था। तीन दिन के रिमांड के दौरान यह भी सामने आया कि अवैध लिंग जांच करने वाले रविसिंह के पकड़े जाने के बाद से इस कार्य में जुटे उनके सभी चेले भूमिगत हो गए है। रविसिंह ने बताया कि लिंग जांच का काम प्रथम बार दिल्ली के एक डॉक्टर से सिखा था और उसके बाद लिंग जांच करने का काम स्वयं की मशीन लाकर तीन बार लिंग जांच के आरोप में पकड़े जा चुके अवधेश पांडे के साथ शुरू किया। इसके बाद गत कुछ वर्ष पूर्व ही उन्होंने अवधेश पांडे से अलग होकर नया नेटवर्क तैयार किया। रविसिंह ने बताया कि वर्तमान में मेरे अवैध रूप से लिंग जांच करने वाले नेटवर्क में 100 से अधिक लोगों की टीम है, जिसमें सरकारी नर्सो की संख्या सबसे अधिक है। ज्ञात रहे रविसिंह 9वीं फेल होने के बावजूद भी अवैध रूप से लिंग जांच करने का अंतराज्य नेटवर्क संचालित कर रहा है। शनिवार को दोपहर बाद रविसिंह को पीसीपीएनडीटी टीम ने न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।