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बाल विवाह एक समाजिक अपराध है-जिला एवं सेशन न्यायाधीश

चूरू जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) योगेन्द्र कुमार पुरोहित ने आमजन का आह्वान किया है कि वे चूरू जिले को ‘‘बाल विवाह मुक्त जिला‘‘ घोषित कराने के लिए अपने सामाजिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए सकारात्मक प्रयास करें। जिला एवं सेशन न्यायाधीश रविवार को एडीआर सेन्टर में जिले में 1 अप्रैल से 30 जून तक संचालित ‘‘बाल विवाह निषेध अभियान‘‘ के शुभारंभ समारोह में बोल रहे थे। उन्होने कहा कि बाल विवाह निषेध अभियान का मुख्य उदेश्य प्रचार-प्रसार के जरिए समाज में जागरूकता पैदा कर बाल विवाहों को रोकना है,क्योकि बाल विवाह एक सामाजिक अपराध है जो बच्चों को जीवन में आगे बढने से रोकता है। उन्होंने आमजन का आह्वान किया है कि वे अपने सामाजिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अक्षय तृतीया के अवसर पर होने वाले बाल विवाहों को रोकने के लिए सकारात्मक प्रयास सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि बाल विवाहों में सहयोगी- पंडित, बैण्ड बाजे वाले, टैंट, हलवाई बाल विवाह करने वालों का सहयोग नहीं करें अन्यथा सहयोगी पर भी कानूनी कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने आंगनबाडी कार्यकत्ताओं से कहा कि वे समाज के बीच रह कर अभिभावकों को जागरूक करें तथा बाल विवाहों को रोकने के लिए संकल्प लें।
जिला कलक्टर ललित कुमार गुप्ता ने बाल विवाह की बुराईयों की जानकारी देते हुए कहा कि आमजन बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त होने पर संबंधित पुलिस थाने में रिपोर्ट करे। सूचना देने वाले का नाम पूर्णरूप से गोपनीय रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में बाल विवाह रोकने के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जा रहा है जहां पर कोई भी व्यक्ति बाल विवाह रोकने की सूचना दर्ज करा सकते है।
पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ ने कहा कि बाल विवाह रोकथाम की महत्ती आवश्यकता शेखावटी क्षेत्र में है क्याेंकि इस क्षेत्र में बालिकाएं हर क्षेत्र में प्रगति रथ पर दौड़ रही है। उन्होंने कहा कि बालिका का जन्म होना घर-परिवार एवं समाज के लिए गौरव है। उन्होंने कहा कि जिले में बाल विवाह को रोकने के लिए कोई भी व्यक्ति वाट्सअप नम्बर 8769629944 पर गुप्त सूचना दे सकते है जो पूर्णरूप से गोपनीय है।
समारोह में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) राजेश कुमार दड़िया ने कहा कि किसी भी व्यक्ति द्वारा समाज की तरक्की में अपनी भागीदारी दर्ज करानी है तो बाल विवाह को रोकने के लिए समाज में नाराजगी मोल लेनी ही होगी, तभी समाज में इस सामाजिक बुराई को रोका जा सकता है।
इस अवसर पर प्राधिकरण द्वारा प्रोजेक्टर के जरिये बेटी बचाओ थीम सोंग का प्रभावी प्रस्तुतिकरण किया गया। थीम सोंग में बताया गया कि जिस घर में बेटी का जन्म होता है वह घर करूणा, सहृदयता एवं प्रेम का प्रतीक है।
बाल विवाह निषेध अभियान के तहत इस अवसर पर आयोजित विधिक जागरूकता रैली को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष, जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं पूर्णकालिक सूचिव ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। रैली एडीआर सेन्टर से पंखा चौराह तक आमजन में जागरूकता पैदा करेगी। रैली में स्काउड-गाइड एवं आंगनबाडी कार्यकर्ता मौजूद थे।
इस अवसर पर विधि कॉलेज के प्राचार्य डॉ.श्रवण सैनी, जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कैलाश शर्मा, अभिभाषक संघ के सचिव योगेश शर्मा, योगिता शर्मा, अधिवक्ता सन्तलाल सहारण, अधिवक्ता सांवरमल स्वामी, वरिष्ठ अधिवक्ता बजरंगलाल शर्मा, एडवोकेट रामेश्वर प्रजापति, सतोंष पड़िहार, हेमसिंह शेखावत, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी, पैरा लीगल वॉलियन्टर्स, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित आम नागरिक उपस्थित थे।

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