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बाघोली, गुड़ा -पौंख की पवन पहाडिय़ों में प्राचीन सिद्ध पीठ धुणे पर शारदीय नवरात्र में चल रहे नो दिन के बाद बाबा बालकनाथ की कठीन साधना हवन व भंडारे के साथ पूरी हुई। रूड़सिंह ने बताया कि बाबा बालक नाथ प्रथम नवरात्र से एक पैर पर खड़े होकर गांव में शांति के लिए कठिन तपस्या कर रहे थे। जो गुरूवार को हवन व भंडारे के साथ पूरी हो गई है। भंडारे में 151 कन्याओं को भोजन करवा के बाबा के द्वारा ग्रामीणों ने दक्षिणा दी। इस दौरान प्रेमनाथ, नरपत नाथ, ब्रहदत मीणा, छोटूसिंह, शिम्भु अग्रवाल, देवीसिंह, कैलास, कुलदीप, चिरंजीलाल आदि मौजुद थे।