बहार से आये हुए लोगो के भी जॉब कार्ड बनाये जा रहे है
झुंझुनू, वर्तमान में चल रहे कोरोना संक्रमण के संकट के दौरान पैदा हुई संकटकालीन परिस्थितियों में लोगों के सामने अनेकों प्रकार की समस्याएं है। लंबे समय तक लॉकडाउन रहने के कारण से लोगों के काम धंधे भी प्रभावित हुए हैं उनके सामने अपनी आजीविका चलाने के लिए भी लाले पड़ गए हैं। ऐसी स्थिति में भारत सरकार की मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगार लोगों के लिए वरदान बन रही है। जिला परिषद झुंझुनू के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने जानकारी देते हुए बताया कि इस संकट के समय में डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए कार्य करवाया जा रहा है और मनरेगा में रोजगार की कोई कमी नहीं है जो व्यक्ति 100 दिन काम करना चाहता है। इसके अलावा बाहर से आए हुए लोगों के भी जॉब कार्ड बनाए जा रहे हैं। उनको भी रोजगार मुहैया करवाया जा रहा है। वर्तमान समय तक पिछली बार जहां 25000 लोगों को रोजगार दिया गया था वहीं जिले में अब तक 32000 लोगों को रोजगार दिया जा चुका है। इस योजना के अंतर्गत इस समय उपयोगी कार्य मजदूरों से करवाए जा रहे हैं। जैसे टांके का निर्माण, जल संरक्षण, चारागाह भूमि का समतलीकरण इत्यादि कार्यों को इसके अंतर्गत करवाया जा रहा है। वहीं कोरोना के संकट को देखते हुए भारत सरकार ने इस योजना के लिए अतिरिक्त बजट दिया है। वही ग्राम पंचायतों के कई कामों में आ रही परेशानी के बारे में उन्होंने बताया कि सरकार के द्वारा जो रेगुलर बजट दिया जाता है वह नहीं मिला है जिसके चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जिले के कई बड़ी ग्राम पंचायतों में जहां पर समस्याएं हैं तो वहां पर रेगुलर बजट नहीं आने के कारण अन्य क्या विकल्प होते हैं इन पर विचार किया जा रहा है। कई स्थानों पर ग्राम पंचायतों के संदर्भ में शिकायतें आ रही हैं वहां पर कारणों का पता लगाया जा रहा है और उच्च अधिकारियों को सूचित कर उनका समाधान करवाया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि वर्तमान में ग्राम प्रशासकों का कार्यभार अधिक बढ़ गया है। वही जिले में ग्राम सभाओं के बारे में उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक ही स्थान पर ग्रामसभा आयोजित नहीं की जा रही है। इसके लिए सरकार के द्वारा ऑडियो वीडियो सिस्टम से ग्राम सभाएं आयोजित करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं।