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आपदा प्रबंधन को लेकर रखें पूर्ण तैयारी, स्थितियों पर हो प्रभावी नियंत्रण – सत्यानी

जिला कलक्टर पुष्पा सत्यानी ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में आपदा प्रबंधन तैयारियों की समीक्षा कर दिए निर्देश, एडीएम मंगलाराम पूनिया ने की तैयारियों की समीक्षा

चूरू, [सुभाष प्रजापत ] जिला कलक्टर पुष्पा सत्यानी ने शुक्रवार को जिला कलक्टर कक्ष में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में आपदा प्रबंधन तैयारियों की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए। जिला कलक्टर सत्यानी ने कहा कि जिले में मानसून के दौरान आपदा आशंकाओं को देखते हुए पूर्ण तैयारी रखें ताकि स्थितियों पर प्रभावी नियंत्रण हो। किसी प्रकार की आपदा के समय संपादित की जाने वाली गतिविधियां पिन-पॉइंटेंड रहें और आमजन को तुरंत रिस्पॉन्स मिले।

उन्होंने कहा कि विभागों में नियंत्रण कक्षों की स्थापना सुनिश्चित की जाए तथा टीम को प्रबंधित करें। नियमित रूप से मौसम गतिविधियों की समीक्षा की जाए। विभागों से संबंधित गतिविधियों का पूर्वाभ्यास किया जाए तथा नियमित एनालिसिस करें। संसाधन, मैनपावर आदि व्यवस्थाओं का समुचित प्रबंधन किया जाए ताकि एनवक्त पर किसी प्रकार की परेशानी न रहे।

सुजानगढ़ एडीएम मंगलाराम पूनिया ने सभी अधिकारियों से समीक्षा रिपोर्ट प्राप्त करते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्षों को एक्टिवेट करें तथा बैठकें आयोजित कर संपादित की जाने वाली गतिविधियों की प्रभावी मॉनीटरिंग करें। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एसओपी की आवलोकन करें व नियमों आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी रखें।
उन्होंने नगरनिकाय अधिकरियों से कहा कि बारिश व बाढ़ आदि की स्थिति में मृत पशुओं, कचरे व मलबे को हटाने के लिए कार्मिकों को समुचित दिशा-निर्देश दिए जाएं तथा जल-भराव आदि की स्थितियों को देखते हुए मूवेबल पंप, मिट्टी के कट्टे, मड पंप, पैनल सहित आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित रखें। शहरी क्षेत्रों में जल-भराव की समस्या का समुचित निस्तारण करें व ड्रेनेज सिस्टम को सुचारू रखें।

उन्होंने डिस्कॉम अधिकारियों को निर्देश दिए कि बिजली के ढीले तारों व ट्रांसफॉर्मर के नीचे रखे होने की घटनाओं को देखें ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना होने से बचा जा सके। पीएचईडी के अधिकारी निचले क्षेत्रों में पानी निकालने हेतु पंप सेटों की व्यवस्था सुनिश्चित करें व बाढ़ आने की संभावना वाले क्षेत्र में वयापक मात्रा में पंप सेटों की व्यवस्था रखें। इसके साथ ही पेयजल की व्यवस्था व पेयजल स्त्रोंतों के क्लोरीफिकेशन की समुचित व्यवस्था की जाए। रसद अधिकारी उचित मूल्य दुकानों पर गेहूं व अन्य खाद्य सामग्री का भंडारण कर उसके वितरण की व्यवस्था की जाए तथा बाढ़ आदि की स्थिति में स्वैच्छिक संगठनों से भी पीड़ित व्यक्तियों तक राहत पहुंचें, यह सुनिश्चित किया जाए। चिकित्सा अधिकारी जीवन रक्षक दवाइयों की उपलब्धता रखते हुए आवश्यकतानुसार मोबाइल चिकित्सा दल की व्यवस्था की करें। पशुपालन अधिकारी आपदा के समय पशुओं में फैलने वाली बीमारियों के इलाज के लिए पर्याप्त दवाइयों की व्यवस्था रखें तथा प्रभावित क्षेत्रों में चारे, पशु आहार व मृत पशुओं का सुरक्षित निस्तारण करने का स्थान सुनिश्चित करें।

उन्होंने डाक व संचार व्यवस्था दुरूस्त रखने, प्रशिक्षित नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की तैनाती करने, गोताखोर, तैराक, होमगार्ड व आरएसी की प्रशिक्षित व अन्य कंपनियां तैयार रखने, जैकिट, रस्से, टॉर्च, संचार तंत्र सहित जीवन रक्षक यंत्रों की उपलब्धता रखने संबंधी निर्देश दिए।
सीईओ मोहनलाल खटनावलिया ने अधिकाधिक संख्या में पौधरोपण करने हेतु निर्देशित किया। इस दौरान एएसपी सतपाल सिंह, चूरू एसडीएम बिजेन्द्र सिंह, पशुपालन संयुक्त निदेशक डॉ ओमप्रकाश, पीएचईडी प्रोजेक्ट एसई राममूर्ति, डीएसओ सुरेन्द्र महला, चूरू नगरपरिषद आयुक्त अभिलाषा सिंह, एपीआरओ मनीष कुमार, मौसम विभाग से रविन्द्र सिहाग, सानिवि एक्सईएन बीएल सोनी, डिस्कॉम एक्सईएन वीएल सैनी, बीएसएनएल से अजय, मौसम विभाग से रविन्द्र सिहाग, सहायता शाखा से यशवंत भार्गव सहित ब्लॉकों से उपखंड अधिकारी व ब्लॉक स्तरीय अधिकारी वीसी के जरिए उपस्थित रहे।

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