सिंघाना [के के गाँधी ] बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के साथ ही बेटियों का मान सम्मान करना जिले की परम्परा बन गई है। क्षेत्र में लोग जहां बेटी के जन्म पर कुआं पूजन व दशोठण करते है वहीं अब बेटियों की शादी में उनको बेटों की तरह घोड़ी पर बैठाकर बनोरी निकालना भी एक दस्तूर बन गया है। सोमवार सांय भैसावता कलां निवासी करण सिंह नरूका की बेटियों की शादी के अवसर पर परिजनों ने दोनों बेटियों को घोड़ी पर बैठाकर गांव में उनकी बनोरी निकाली व ग्रामीणों को बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ के साथ ही बेटियों का बेटों की तरह सम्मान करने का संदेश दिया।